Ramlala Pran Pratishtha: अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन और राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के संदर्भ में कांग्रेस नेता प्रमोद कृष्णम भावुक हो गए. उन्होंने कहा कि  कितनी आखें ये सपना देखने के लिए बंद हो गई. 22 जनवरी को भारत में रामराज्य के स्थापना की तारीख है.


उन्होंने कहा कि तमाम ज्योतिषाचार्य एक तरफ और भगवान राम एक तरफ. भगवान राम का स्वागत करो. इस निमंत्रण को स्वीकार करो. मंदिर के निमंत्रण को ठुकराना दुर्भाग्य का विषय है. मैं सभी राजनीतिक दलों से कहना चाहता हूं कि निमंत्रण को स्वीकार करो


कांग्रेस नेता ने कहा कि राम किसी एक पार्टी के नहीं है. राम हमारी आस्था के आधार हैं. राम को किसी एक पार्टी तक सीमित नहीं करो. राम को एक पार्टी को सौंपेगे तो अयोध्या भी एक पार्टी को सौंपना पड़ेगा.



धर्म की व्याख्या करने से बचें राजनेता- आचार्य
उद्घाटन और प्राण प्रतिष्ठा के निमंत्रण अस्वीकार करने पर कांग्रेस नेता ने कहा कि जो लोग इस निमंत्रण को अस्वीकार कर रहे हैं उन्हें पुर्नविचार करना चाहिए. राम आस्था का प्रश्न हैं. राम रोजगार का प्रश्न नहीं है. उन्होंने कहा कि राजनेताओं को धर्म की व्याख्या करने से बचना चाहिए. भगवान राम का मंदिर यहां है, इसका स्वागत करें. यह भारत का गौरव है, यह सनातन का उत्सव है. रुकावटें डालना बंद करो. मैं सभी राजनेताओं से निमंत्रण स्वीकार करने की अपील करता हूं. राम सबके हैं. निमंत्रण अस्वीकार करना दुर्भाग्यपूर्ण है.






उन्होंने कहा कि भगवान राम का दर्शन जाए उसका कोई प्रयोजन नहीं होता लेकिन प्रियंका गांधी का जन्मदिन है और मैं भगवान राम से प्रार्थना करने आया हूं कि वे भविष्य में भारत की प्रधानमंत्री बनें.


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