Ram Mandir News: उत्तराखंड से अयोध्या के लिए साइकिल पर निकला राम भक्त, पीलीभीत पहुंचने पर हुआ भव्य स्वागत
Ram Mandir Inauguration: राम मंदिर के उद्घाटन का भक्तों में जबरदस्त उत्साह है. उत्तराखंड से एक राम भक्त ने साइकिल के जरिए निकला है. पीलीभीत पहुंचने पर साइकिल यात्रा का भव्य स्वागत हुआ.
Ramlala Pran Pratishtha: उत्तराखंड से राम भक्त साइकिल चलाकर अयोध्या के लिए निकल पड़ा है. 24 वर्षीय धीरज जोशी की साइकिल यात्रा 21 जनवरी की शाम अयोध्या पहुंचेगी. उन्होंने पशुपतिनाथ मंदिर की यात्रा के दौरान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने का संकल्प लिया था. 14 जनवरी को थल कस्बे से निकले धीरज जोशी का पीलीभीत पहुंचने पर भव्य स्वागत हुआ. 1992 में राम मंदिर आंदोलन के समय एबीवीपी कार्यकर्ता रहे रमेश सिंह ने धीरज जोशी को देखकर कहा कि पुराने दौर की याद ताजा हो गई. रमेश सिंह 52 लोगों के साथ बदायूं जनपद की जेल में बंद किए गए थे. उन्होंने रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को राजनीतिक रंग दिए जाने पर आपत्ति जताई. कहा कि आयोजन को धार्मिक दृष्टिकोण से देखा जाना चाहिए. उन्होंने बताया कि देश भर के लाखों लोग राम मंदिर आंदोलन से जुड़े थे.
साइकिल से अयोध्या के लिए निकला राम भक्त
धीरज जोशी 621 किलोमीटर की दूरी तय कर अयोध्या पहुंचेंगे. कई जनपदों से होकर गुजर रही साइकिल यात्रा का हिंदू संगठन भव्य स्वागत कर रहे हैं. धीरज जोशी बताते हैं कि पर्यावरण प्रदूषण का संदेश लेकर साइकिल के साथ निकले हैं. स्वागत करने आए लोगों को आने वाले खतरे से आगाह कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हिमालय के ग्लेशियर तेजी से पिघल रहे हैं. जलवायु परिवर्तन आने वाले दिनों में खतरा साबित हो सकता है. इसलिए हिमालय बचाओ अभियान के तहत लोगों को जागरूक कर रहे हैं.
जलवायु परिवर्तन के खतरों से कर रहे आगाह
साइकिल यात्रा का मकसद पर्यावरण प्रदूषण से उत्पन्न आने वाले खतरों के प्रति सावधान करना भी है. उन्होंने कहा कि देवभूमि को खतरे से बचाना है. धीरज जोशी ने बताया कि पिछले तीन वर्षों से साइकिल यात्रा के जरिए लोगों में जागरूकता फैला रहे हैं. उन्होंने उत्तराखंड के चारों धाम केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री की दो बार साइकिल से यात्रा की है. चारों धाम की यात्रा के बाद कश्मीर से कन्याकुमारी तक का सफर किया है. उन्होंने बताया कि साइकिल यात्रा का मकसद आपदाओं के प्रति लोगों को सचेत करना है. धीरज जोशी का मानना है कि आने वाले दिनों में पर्यावरण प्रदूषण निचले इलाकों के लिए खतरा बन सकता है.