Ramlala Pran Pratishtha: अयोध्या राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर सियासत देखने को मिल रही है. विपक्षी दलों ने बीजेपी पर इसका सियासी फ़ायदा उठाने का आरोप लगाया है. कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने दूरी बनाने का एलान किया है. वहीं उत्तराखंड के पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता हरीश रावत ने भी इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. 


कांग्रेस नेता हरीश रावत ने कहा कि 22 जनवरी को जब रामलला की मूर्ति की स्थापना होगी, तो वो एक एतिहासिक क्षण होगा. उन्होंने अपने सभी सहयोगियों से 21 जनवरी को रामायण के सुंदरकांड का पाठ करने की अपील की है. उन्होंने कहा कि भगवान राम हमारे लिए आस्था का विषय हैं लेकिन बीजेपी इस पर राजनीति कर रही है. हरीश रावत ने बताया कि वो अभी रामलला के दर्शन करने नहीं जाएँगे, बल्कि रामनवमी को भगवान के दर्शन करेंगे. 


सुंदरकांड का पाठ करने की अपील
हरीश रावत ने राम मंदिर के उद्घाटन को लेकर अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर स्टेटमेंट जारी की है. उन्होंने कहा, '22 जनवरी को रामलला की मूर्ति की गर्भगृह में प्राण प्रतिष्ठा होगी, एक महान शुभ अवसर है. जिस अवसर की सैकड़ों वर्षों से लोग प्रतीक्षा कर रहे थे. कौन प्राण प्रतिष्ठा करेगा, कौन वहां उपस्थित होंगे, यह महत्वपूर्ण नहीं है. महत्वपूर्ण है कि रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होगी.' 


कांग्रेस नेता ने आगे कहा, 'इस पवित्र दिन करोड़ों भारतवासी जो अयोध्या नहीं पहुंच पाएंगे, मगर उनके मन में भी राम विराजमान हैं. हमने निश्चय किया है और मैंने अपने साथी-सहयोगियों से भी कहा है कि 21 जनवरी को रामायण के सुंदरकांड का वाचन करें क्योंकि सुंदरकांड में श्री राम के मर्यादा पुरुषोत्तम स्वरूप का अधिकांश वर्णन है और 22 जनवरी को श्री राम जी की मूर्ति पर, मूर्ति मिले तो मूर्ति पर नहीं तो फोटो पर माला चढ़ाकर उनको प्रणाम करें और उनसे मानव कल्याण के लिए आशीर्वाद मांगें.'


जानें कब करेंगे रामलला के दर्शन
हरीश रावत ने कहा, 'रामनवमी के बाद उचित मुहूर्त में राम जी के दर्शन करने अयोध्या जाएंगे. मैं स्पष्ट कहना चाहता हूं कि श्री राजा राम हमारे लिए आस्था, विश्वास और भावना के संभल हैं, उनके नाम पर की जा रही राजनीति मन को आहत कर रही है. भगवान जो लोग आपके नाम पर राजनीति कर राजनीतिक फायदा उठाना चाह रहे हैं उनसे देश, समाज और लोकतंत्र की रक्षा करिए.


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