Ram Mandir Opening: राम मंदिर की नींव 1000 साल तक रहेगी वैसी की वैसी, चंपत राय ने निर्माण कार्य को लेकर दी अहम जानकारी
Ram Mandir Pran Pratishtha: यूपी के अयोध्या में आगामी 22 जनवरी को श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा का समारोह आयोजित किया जाएगा. जिसमें पीएम नरेंद्र मोदी मुख्य अतिथि होंगे.
Ram Mandir Inauguration: अयोध्या में भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर के उद्घाटन समारोह को लेकर जोर-शोर से तैयारियां चल रही हैं. जैसे-जैसे प्राण प्रतिष्ठा की तारीख 22 जनवरी करीब आ रही है राम भक्तों में उत्साह और ज्यादा बढ़ता जा रहा है. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट की ओर से भी मंदिर निर्माण और उद्घाटन समारोह को लेकर हर रोज जानकारी शेयर की जा रही है.
अब शुक्रवार को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि मंदिर की रचना 1,000 साल आयु के हिसाब से की गई है यानी एक हजार साल तक इसमें मरम्मत की जरूरत नहीं होगी. इसके निर्माण में सीमेंट, कंक्रीट और लोहे का बिल्कुल भी इस्तेमाल नहीं किया गया है. पाइल फाउंडेशन, जो आजकल चलन में है, उसका इस्तेमाल नहीं किया गया है.
चंपत राय ने दी मंदिर निर्माण की जानकारी
चंपत राय ने बताया कि यहां आर्टिफिशियल रॉक को नींव के रूप में इस्तेमाल किया गया है. एक ऐसी कंक्रीट डाली गई है जो भविष्य में चट्टान बन जाएगी. इस कंक्रीट में 3 प्रतिशत से भी कम सीमेंट का इस्तेमाल किया है. इससे पहले गुरुवार को ट्रस्ट की ओर से कहा गया था कि मंदिर परम्परागत नागर शैली में बनाया जा रहा है. जिसकी लंबाई (पूर्व से पश्चिम) 380 फीट, चौड़ाई 250 फीट और ऊंचाई 161 फीट रहेगी.
VIDEO | "The temple has been built for 1,000 years. Cement, concrete and iron has not been used at all in its construction. The pile foundation, which is in trend these days, has not been used. Here, a concrete which will gradually turn into rock, has been used as foundation,"… pic.twitter.com/nlECvHydPD
— Press Trust of India (@PTI_News) January 5, 2024
तीन मंजिला मंदिर में होंगे 44 द्वार
ट्रस्ट ने बताया कि मंदिर तीन मंजिला रहेगा. हर मंजिल की ऊंचाई 20 फीट रहेगी और मंदिर में कुल 392 खंभे व 44 द्वार होंगे. मुख्य गर्भगृह में प्रभु श्रीराम का बालरूप (श्रीरामलला सरकार का विग्रह), तथा प्रथम तल पर श्रीराम दरबार होगा. दिव्यांगजन एवं वृद्धों के लिए मंदिर में रैम्प व लिफ्ट की व्यवस्था रहेगी. मंदिर परिसर में प्रस्तावित अन्य मंदिर- महर्षि वाल्मीकि, महर्षि वशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त्य, निषादराज, माता शबरी व ऋषिपत्नी देवी अहिल्या को समर्पित होंगे.
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