Ramlala Pran Pratishtha: काशी के पौंड्रक शंख से होगा राम जन्म स्थल पर शंखनाद, जलाभिषेक के लिए पहुंचा कलश
Ramlala Pran Pratishtha: काशी से मुख्य पुरोहित के साथ-साथ अन्य पूजन सामग्री व भगवान राम का जलाभिषेक करने वाला कलश भी पहुंच रहा है. रामलला के जन्म स्थल पर पौंड्रक शंख से शंखनाद कराया जाएगा.
Ramlala Pran Pratishtha: अयोध्या में राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा की तिथि जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, वैसे सभी तैयारियां को भी अंतिम रूप दिया जा रहा है. 15 जनवरी के बाद से ही अयोध्या में धार्मिक अनुष्ठान शुरू हो जाएंगे. इसी क्रम में काशी से मुख्य पुरोहित के साथ-साथ अन्य पूजन सामग्री व भगवान राम का जलाभिषेक करने वाला कलश भी पहुंच रहा है. इसके अलावा अयोध्या स्थित रामलला के जन्म स्थल पर भव्य शंखनाद भी होगा जो काशी के प्राचीन 500 वर्ष पूर्व पौंड्रक शंख से संपन्न कराया जाएगा.
आचार्य ने बताया कि इस शंख को धर्म कर्म के कार्यों और भगवान के प्रमुख अवसर पर बजाने की विशेष परंपरा है. इससे पहले भगवान काशी विश्वनाथ मंदिर के लोकार्पण के समय भी दिसंबर 2021 में बजाया गया था. नियमित तौर पर जंगी बाबा आश्रम में रहने वाले आचार्य प्रातः काल ब्रह्म मुहूर्त में इसी शंख को बजाते हैं.
पौंड्रक शंख से अयोध्या में होगा शंखनाद
500 वर्ष प्राचीन पौंड्रक शंख को काशी के सामने घाट स्थित जंगी बाबा आश्रम में रखा गया है. नियमित तौर पर जंग बहादुर पांडे उर्फ जंगी बाबा व उनके शिष्य सिद्धार्थ पांडे द्वारा इस शंख की पूजा की जाती है और ब्रह्ममुहूर्त में परिसर में इसी शंख से ही शंखनाद किया जाता है.
सिद्धार्थ पांडे ने इस प्राचीन शंख के बारे में बताया कि इस प्राचीन शंख का नाम पौंड्रक शंख हैं, जिसे धार्मिक कार्य और भगवान के प्रमुख अवसर पर बजाते हैं. नियमित तौर पर हमारे इस आश्रम में शास्त्र विधि विधान से इस शंख की पूजा होती है और ब्रह्म मुहूर्त में हम इसे बजाते हैं. यह परंपरा के तौर पर हर दिन निभाया जाता है.
विश्वनाथ धाम लोकार्पण में भी हुआ था शंखनाद
सिद्धार्थ पांडे ने बताया कि 22 जनवरी की तिथि हम सभी सनातन संस्कृति को मानने वाले लोगों के लिए आनंदमयी पल है. हमारे गुरुजनों और अनेक संतों के नेतृत्व में हमें भी 22 जनवरी को अयोध्या में जाने के लिए निमंत्रण आया है. हमारी भी इच्छा है कि हम इस प्रमुख अवसर पर पहुंचकर इस प्राचीन शंख से विश्व के आराध्य भगवान राम के लिए शंखनाद करें.
15 जनवरी के बाद से ही संतों और गुरुजनों का एक दल अयोध्या के लिए रवाना हो रहा है. प्रभु राम से जुड़े इस पावर अवसर पर शामिल होना हम सभी के लिए सौभाग्य की बात है. इससे पहले इस पौंड्रक शंख से काशी विश्वनाथ धाम लोकार्पण के समय भी शंखनाद किया गया था.
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