Ram Mandir News: अयोध्या में राम मंदिर का काम जल्द ही पूरा होने वाला है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों 22 जनवरी 2024 को मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी. प्राण प्रतिष्ठा को लेकर लगभग सारी तैयारियां पूरी कर ली गई है. रामलला की प्राण प्रतिष्ठा अर्चावतार यानी अर्चना के लिए किसी प्रतिमा को प्राण प्रतिष्ठा के माध्यम से स्थापित करना. वैष्णव परंपरा के मंदिरों में आराध्य की प्राण प्रतिष्ठा के साथ अर्चावतार होते ही रहते है. प्राण प्रतिष्ठा के साथ अर्चनावतार का भी आयोजन होगा.
साधु-संतो से लिया जाएगा परामर्श
हनुमतनिवास के महंत आचार्य मिथिलेशनंदिनीशरण के अनुसार रामलला के अर्चन की आचार संहिता निर्मित करने में श्रीराम के अनन्य अनुरागी पहुंचे संतों के अनुभव का सहारा भी लिया गया है. वह इस तरह के प्रयास का औचित्य भी परिभाषित करते हुए कहते हैं, त्रेता के बाद यह एक बार पुन: रामलला के अवतार का अवसर है. इस महत्वपूर्ण अवसर पर रामलला की पूजा का विधि-विधान भी प्रत्येक स्तर पर परिमार्जित होनी चाहिए.
वैदिक संहिताओं के अनुरूप होती है पूजा
वैष्णव परंपरा के प्राय: सभी मंदिरों में वैदिक संहिताओं के अनुरूप पूजन की व्यवस्था और कर्मकांड का कार्य होता है. रामलला के भी पूजन-अर्चन में वैदिक दिशा निर्देशों का पालन करने के साथ श्रीराम के पूजन की विधि का विशेष रूप से विवेचन करने वाली ‘अगस्त्य संहिता’, सात सौ वर्ष पूर्व रामानंदाचार्य से प्रस्तुत रामार्चन पद्धति तथा कुछ अन्य वैष्णव आगमों का मार्गदर्शन लिया जाएगा.
गोदान से शुरू होगी रामलला की दिनचर्या
रामलला की परिमार्जित पूजा पद्धति कितनी विशद और विशिष्ट होगी, यह तो 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा के बाद रामलला के पूजन-अर्चन से सामने आएगी. रामलला की दिनचर्या गोदान से शुरू होगी. तदुपरांत पुजारी उन्हें स्नान कराएंगे. स्नान के बाद रामलला का विधि-विधास से श्रृंगार किया जाएगा. पूजन और पट खुलने पर रामलला लोगों को दर्शन देंगे. रामलला के प्रति आदर-अनुराग पट खुलने के साथ होने वाली श्रृंगार आरती से भी परिलक्षित होगा. श्रृंगार आरती के बाद रामलला को बालभोग लगाया जाएगा. बालभोग के अलावा मध्याह्न रामलला के सम्मुख अर्पित होने वाले राजभोग से भी रामलला की चैतन्यता परिभाषित होगी.
ये होगी रामलला की दिनचर्या
रामलला यहां राजपुत्र की गरिमा के अनुरूप स्थापित होंगे, मध्याह्न राजभोग और राजभोग आरती के बाद उन्हें सुलाया जाएगा जाएगा. फिर शाम के समय रामलला को उत्थापन आरती से जगाया जाएगा. जलपान के बाद रामलला को नित्य उद्यान का भी भ्रमण कराया जाएगा. इस भ्रमण में रामलला प्रकृति, पौधों और पुष्पों की सुगंध-सुंदरता का आनंद लेंगे.
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