Ram Mandir Pran Pratishtha: अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह के मद्देनजर सिंगापुर, कंबोडिया, श्रीलंका, थाइलैंड और इंडोनेशिया आदि देशों के कलाकारों को मंचन के लिए आमंत्रित किया गया है. विश्व के अलग-अलग देशों के अलावा देश के कई राज्यों की भी रामलीला का मंचन किया जाएगा. मध्य प्रदेश, हिमाचल, उत्तराखंड, हरियाणा, कर्नाटक, सिक्किम, केरल, छत्तीसगढ़, जम्मू कश्मीर, लद्दाख और चंडीगढ़ के रामदल श्रीराम के चरित्र को मंच पर सजीव करेंगे.


अयोध्या में होने वाले इस कार्यक्रम में दुनिया के करीब 3500 कलाकार हिस्सा लेंगे. हर रोज अलग-अलग रामदलों के करीब 500 कलाकार मंच पर रामकथा का मंचन करेंगे. विश्व के कई देशों में रामलीलाओं का मंचन होता है. करीब 86 फीसद मुस्लिम आबादी वाले इंडोनेशिया और अंग्रेजी भाषी त्रिनिदाद में भी रामलीलाओं का मंचन होता है. बौद्धिस्ट देश श्रीलंका, थाइलैंड और रूस में भी रामलीला का मंचन होता है. 


ये रामलीलाएं हैं मशहूर


अमेरिका के कैलिफोर्निया स्थित माउंट मेडोना स्कूल में पिछले 40 वर्षों से जून के पहले हफ्ते में रामलीला का मंचन होता है. भारत में वाराणसी की रामनगर, इटावा के जसवंतनगर, प्रयागराज और अल्मोड़ा की रामलीलाएं मशहूर हैं. इनका स्वरूप अलग-अलग हो सकता है, पर सबके केंद्र में राम ही हैं. फिजी जैसे छोटे से देश में 50 से अधिक रामलीला मंडलियां हैं. टत्रिनिदाद का रामलीला मंदिर करीब 100 साल पुराना है. 


अलग-अलग देश की रामलीला का होगा मंचन


भारत की रामलीला का इतिहास 500 साल से भी पुराना है. हर दो-चार गांव के अंतराल पर अमूमन क्वार के एकम से लेकर एकादशी के दौरान रामलीला के आयोजन होते हैं. अयोध्या में 2017 के बाद से हर वर्ष अलग-अलग देश की रामलीला देखने को मिल रही है. जब से अयोध्या में दीपोत्सव बड़े स्तर पर हो रहा है तब से अलग-अलग देश की रामलीला का मंचन अयोध्या में देखा जा रहा है और अब इस रामोत्सव के अवसर पर भी अलग-अलग देश की रामलीला का मंचन अयोध्या में होगा. 


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