Ram Mandir Opening: अयोध्या में टूरिस्टों को नहीं होगी परेशानी, चीनी, फ्रेंच, रूसी समेत 28 भाषाओं में लगेंगे साइनेज बोर्ड
Ramlala Pran Pratishtha: अयोध्या भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद दुनियाभर से श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है, ऐसे में प्रशासन की ओर से कई तैयारियां की गई हैं.
Ram Mandir Inauguration: अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल 22 भारतीय भाषाओं व संयुक्त राष्ट्र की छह भाषाओं में साइनेज लगाने का कार्य शुरू हो गया है. इसके बाद अयोध्या आने वाले देसी-विदेशी पर्यटकों को अब इधर-उधर भटकना नहीं पड़ेगा.
अबतक हनुमानगढ़ी, कनक भवन, राम की पैड़ी, अयोध्या धाम जंक्शन, टेढ़ी बाजार, अयोध्या एयरपोर्ट पर साइनेज बोर्ड लगाए जा चुके हैं. अन्य स्थानों पर यह कार्य तेजी से चल रहा है. 22 जनवरी के पहले इन्हें हर हाल में पूरा कर लिया जाएगा.
इन स्थानों पर लगाई जाएंगी साइनेज पट्टिकाएं
अयोध्या में कई ख़ास जगहों पर अलग-अलग भाषाओं में ये साइन बोर्ड लगाए जाएंगे, ताकि दूसरे राज्यों से आने वाले और हिन्दी व अंग्रेज़ी न जानने वाले भी समझ सके, जिन जगहों पर ये साइनेज लगाए जाएंगे वो हैं, राम की पैड़ी, नागेश्वर नाथ मंदिर, भजन संध्या स्थल नया घाट, क्वीन हो पार्क, लता मंगेशकर चौक, रामपथ, जन्मभूमि पथ, भक्तिपथ, धर्मपथ, चौधरी चरण सिंह घाट, रामकथा संग्रहालय, जानकी महल, दशरथ महल, रामकोट और तुलसी स्मारक भवन.
इनके अलावा, छोटी देवकाली मंदिर, सरयू घाट, सूर्य कुंड, गुप्तार घाट, गुलाब बाड़ी, कम्पनी गार्डन, साकेत सदन, मंदिर निकट गुप्तार घाट, चौधरी चरण सिंह पार्क, संत तुलसी घाट, तिवारी मंदिर, तुलसी उद्यान, गोरखपुर-लखनऊ बाईपास, बैकुंठ धाम, मिथिला धाम, अयोध्या आई हॉस्पिटल, हनुमान गढ़ी रोड, राजद्वार मंदिर तिराहा, कनक भवन रोड, दिगंबर जैन मंदिर, श्रीराम हॉस्पिटल, राम कचेहरी,रंगमहल,अमावा राम मंदिर, सीताकुंड, मणि पर्वत, अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन पर भी इन्हें लगाने का काम तेजी से किया जा रहा है.
इन भाषाओं में लगाई जा रही हैं पट्टिकाएं
संयुक्त राष्ट्र की जिन छह भाषाओं में पट्टिकाओं को लगाने का कार्य हो रहा है, उनमें अरबी, चीनी, अंग्रेजी, फ्रेंच, रूसी और स्पेनिश शामिल हैं. इसके अलावा भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल हिंदी, उर्दू, असमिया, उड़िया, कन्नड़, कश्मीरी, कोंकणी, गुजराती, डोगरी, तमिल, तेलुगू, नेपाली, पंजाबी, बांग्ला, बोडो, मणिपुरी, मराठी, मलयालम, मैथिली, संथाली, संस्कृत और सिंधी में पट्टिकाओं को लगाया जा रहा है.