Ramlala Pran Pratishtha: राम लला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले टूटा सालों का रिकॉर्ड, गीता प्रेस के पास खत्म हुआ राम चरित मानस का स्टॉक
Ram Mandir Pran Pratishtha: गीता प्रेस स्थापना से लेकर वर्तमान समय तक 95 करोड़ से अधिक धार्मिक पुस्तकों का प्रकाशन किया जा चुका है.
Ram Mandir Opening: अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि पर श्री राम लाल के प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर पूरे देश और विदेश में उत्सव का माहौल है. 22 जनवरी को होने वाली प्राण प्रतिष्ठा को लेकर जोर-जोर से तैयारी भी चल रही हैं. हर कोई इस क्षण का साक्षी बनना चाहता है. यही वजह है कि श्री रामचरितमानस श्री हनुमान चालीसा और श्रीमद् भागवत गीता की मांग इतनी बढ़ गई है कि गीता प्रेस इसकी उपलब्धता सुनिश्चित नहीं कर पा रहा है. श्री रामचरितमानस का स्टॉक खत्म हो गया है. यही वजह है की पुस्तकों की छपाई के बाद उन्हें सीधे शाखों पर भेज दिया जा रहा है.
गोरखपुर के गीता प्रेस के प्रबंधक डा. लालमणि तिवारी ने बताया कि मांग के सापेक्ष अक्टूबर से दिसंबर तक केवल 31 हजार श्री रामचरितमानस (हिंदी गुटका आकार) की आपूर्ति कर पाया है. जबकि मांग लगभग डेढ़ लाख प्रतियों की रही है. उन्होंने बताया कि इन तीन महीना में श्री रामचरितमानस की कई भाषाओं व आकार प्रकार में 3.27 लाख प्रतियों की छपाई हुई, सभी बिक चुकी हैं. हनुमान चालीसा की 13.50 लाख प्रतियाँ प्रकाशित की गई. मात्र 30 हजार स्टॉक में हैं. दो लाख प्रतियाँ और तैयार की जा रही हैं.
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. 1948 से श्रीरामचरित मानस का प्रकाशन
गीता प्रेस स्थापना से लेकर वर्तमान समय तक 95 करोड़ से अधिक धार्मिक पुस्तकों का प्रकाशन किया जा चुका है. उन्होंने बताया कि इसमें गीता प्रेस स्थापना से अब तक 3 करोड़ 70 लाख प्रतियां प्रकाशित कर चुका है. सन् 1938 ई. से मांसांक से श्रीरामचरित मानस का प्रकाशन हो रहा है. 1948 से श्रीरामचरित मानस का प्रकाशन हो रहा है.
प्रबंधक डॉ. लालमणि तिवारी ने बताया कि इस माह में बिहार उत्तर प्रदेश के अनेक जिलों व राजस्थान से लगभग 1.75 लाख श्रीरामचरितमानस (गुटका आकार) प्रतियों की मांग आई है, जिसे उपलब्ध कराने में गीता प्रेस ने असमर्थता जता दी है. 79 हजार प्रतियां प्रकाशित की जा रही है, जिन्हें गीता प्रेस अपनी शाखों पर भेजेगा. उन्होंने बताया कि अवदा फाउंडेशन मुंबई ने आरती संग्रह की चार लाख प्रतियां मांगी है. प्रेस ने 3 लाख प्रतियां देने का वचन दिया है. यह पुस्तक हिमाचल प्रदेश में लोगों को बांटी जाएंगी. 15 जनवरी से पहले यह पुस्तक फाउंडेशन को सौंप दी जाएंगी. इसमें भगवान श्रीराम, माता सीता, लक्ष्मण, भगवान विष्णु और शिव के साथ माता दुर्गा समेत विभिन्न देवी देवताओं की 102 आरती का संग्रह है.
डॉ. लालमणि तिवारी ने बताया कि गुजरात सरकार ने विद्यार्थियों में वितरित करने के लिए श्रीमद्भागवत गीता की 50 लाख प्रतियों की मांग की है. गीता प्रेस ने सॉफ्ट कॉपी उपलब्ध कराने को कहा है और अनुरोध किया है कि सरकारी इसे छपवाकर बंटवा दे. इसके लिए गुजरात सरकार ने रॉयल्टी देने की पेशकश की, तो गीता प्रश्न ने विनम्रता से अस्वीकार कर दिया. डॉ. लालमणि तिवारी ने बताया कि अलग-अलग प्रदेशों से बड़ी संख्या में पुस्तकों की मांग आ रही है. श्रीरामचरितमानस उनके सभी केंद्रों से समाप्त हो गई है. जगह के अभाव में पर्याप्त संख्या में पुस्तक के प्रकाशित न कर पाना उनकी विवशता है. वह कोशिश कर रहे हैं कि अधिक से अधिक पुस्तकें प्रकाशित की जा सकें.