Ram Mandir Opening: सूर्यदेव करेंगे रामलला का तिलक, जानें- क्या है इसके पीछे का विज्ञान? हर साल ऐसे होगा ये काम
Ramlala Pran Pratishtha: अयोध्या में राम मंदिर बनकर तैयार हो गया है, 22 जनवरी को रामलला मंदिर में विराजमान होने जा रहे हैं.रामलला की मूर्ति का सूर्य तिलक की बात कही जा रही है.सूर्य तिलक क्या होता है.

Ramlala Pran Pratishtha: अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां अंतिम पड़ाव पर पहुंच चुकी हैं. 22 जनवरी को रामलला अपने नए घर में प्रवेश करेंगे. राम मंदिर उद्घाटन को लेकर अयोध्या ही नहीं बल्कि पूरे देश में खुशी और जश्न का माहौल बना हुआ है. हर कोई राम भक्ति में डूबा नजर आ रहा है. इन तैयारियों के बीच रामलला की में मूर्ति सूर्य तिलक की सामने आ रही है. आज इस खबर में हम आपको बताएंगे कि आखिरकार सूर्य तिलक क्या होता है. सूर्य तिलक को लेकर इतनी चर्चा क्यों की जा रही है. रामलला को सूर्य तिलक कब और किस समय किया जाएगा. इन सभी सवालों का जवाब आज मिलने वाला हैं.
पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान श्रीराम सूर्यवंशी थे, इस लिए सूर्य तिलक की परंपरा है. अयोध्या के नव निर्मित राम मंदिर में एक ऐसा सिस्टम तैयार किया गया है. यह सिस्टम सूर्य के प्रकाश या दर्पण और लेंस का प्रयोग कर तैयार किया गया है. जिस वजह से गर्भगृह में विराजने वाली रामलला की मूर्ति के माथे पर तिलक की किरण प्रकाशमान होगी. रामनवमी के मौके पर सूर्य की किरणे रामलला के मस्तिष्क पर पड़ेंगी जिससे उनका सूर्य तिलक होगा.
कब तिलक करेंगी, सूर्य की किरणें?
रामलला की प्रतिमा पर सूर्य तिलक कब और किस समय होगा इसको लेकर राम मंदिर निर्माण समिति अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा का कहना है कि हर राम नवमीं की तिथि पर सूर्य की किरण रामलला के प्रतिमा के मस्तिष्क पर तिलक करेंगी. उन्होंने बताया कि रामनवमी पर दोपहर 12 सूर्य की किरणे रामलला के मस्तिष्क पर तिलक करेंगे. वहीं इस हनुमानगढ़ी मंदिर के महंत राजूदास ने बताया कि भगवान श्रीराम सूर्यवंशी थे इसलिए सूर्य तिलक की पंरपरा है.
ऐसा तैयार किया गया मंदिर का डिजाइन
केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान के एक प्रोफेसर ने बताया कि राम मंदिर की संरचनात्मक डिजाइन, सूर्य तिलक और संरचनात्मक स्वास्थ्य निगरानी का कार्य संस्था के वैज्ञानिकों ने किया है. मंदिर निर्माण में लगे एक वैज्ञानिक ने बताया कि हर साल राम नवमीं के दिन रामलला की मूर्ति के माथे पर सूर्य की किरणों से तिलक होगा. उन्होंने बताया कि इसके लिए राम मंदिर के तीसरी मंजिल से लेकर रामलला की मूर्ति तक पाइपिंग और आप्टो मैकेनिकल सिस्टम से सूर्य की किरणों को पहुंचाया जाएगा.
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