Ram Mandir Inauguration: राम मंदिर से जुड़े ये 10 सवाल जिनका जवाब नहीं जानते होंगे आप, यहां जानें सब कुछ
Ramlala Pran Pratishtha: रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर श्रद्धालुओं में ज़बरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है. ऐसे में कई सवाल भी उनके ज़हन में बने हुए हैं.
Ram Mandir Inauguration: अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर में भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां की जा रही हैं. 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों पूरे विधि विधान से प्राण प्रतिष्ठा होगी. ऐसे में कार्यक्रम से लेकर रामलला की मूर्ति, मंदिर निर्माण और सुरक्षा समेत कई तरह से सवाल श्रद्धालुओं के जहन में है. आईए आपको इन तमाम बातों को लेकर पूरी जानकारी देते हैं.
सवाल नंबर-1: मंदिर में श्रीराम मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा कैसे होगी?
अभी रामलला की तीन मूर्ति बन रही हैं, प्रतिमा का चयन होने के बाद जनवरी के दूसरे सप्ताह में अभिषेक के लिए सरयू ले जाया जाएगा. अभिषेक के बाद जुलूस के जरिए अयोध्या के मंदिरों में ले जाया जाएगा. यहां से प्रतिमा राम मंदिर के दूसरे द्वार से गर्भगृह में लाया जाएगा. प्राण प्रतिष्ठा तक भगवान की आंखों पर पट्टी बंधी रहेगी, जिसके बाद मंत्रोच्चार के बीच पट्टी हटाई जाएगी और मूर्ति को दुनिया के सामने लाने का मुख्य अनुष्ठान 22 जनवरी को होगा.
सवाल नंबर-2: यदि अयोध्या में पहले से ही श्री रामलला की शिशु अवस्था की मूर्ति है तो नई मूर्ति क्यों बनाई जा रही है?
अयोध्या में पहले ही रामलला की शिशु अवस्था की मूर्ति है बावजूद इसके नई मूर्ति बन रही है क्योंकि मान्यता है कि श्री रामलला अयोध्या में प्रकट हुए थे. तब से इस स्थान पर रामलला की दैनिक पूजा बिना किसी रुकावट के हो रही है. अब जो भक्त दर्शन के लिए आएँगे वो 25 से 30 फीट की दूरी से दर्शन कर पाएँगे. ऐसे में बड़ी प्रतिमा की जरुरत हुई. प्राचीन मूर्ति भी गर्भगृह में ही रखी जाएगी. नई मूर्ति अचल होगी और हमेशा गर्भगृह में रहेगी. दूसरी उत्सव मूर्ति होगी जो शोभायात्रा में निकाला जा सकती है.
सवाल नंबर-3: क्या ये तीनों मूर्तियाँ अलग-अलग धातुओं या पत्थरों से बनी हैं?
अयोध्या में बन रही तीन मूर्तियां अलग-अलग पत्थर या धातु से बनी है, दरअसल मूर्तियों के लिए एक मानदंड के पत्थर का उपयोग किया जाएगा उसमें कुछ रासायनिक गुण होने चाहिए. इसके लिए दक्षिण भारत, जयपुर, कर्नाटक से पत्थर लाए गए हैं. इन्हें अलग-अलग मूर्तिकारों को दिया गया है. इन मूर्तियों का निर्माण गोपनीय से हो रहा है. इसमें किसी धातु का इस्तेमाल नहीं हो. ये मंदिर हजारों साल तक चलेगा. इसलिए पूरे मंदिर का निर्माण ख़ास पत्थरों से किया गया है.
सवाल नंबर-4:मंदिर कितना बड़ा है?
राम मंदिर का कुल क्षेत्रफल 2.7 एकड़ है और मंदिर का निर्माण 57000 वर्ग. फीट में है. शिखर समेत मंदिर की ऊंचाई 161 फीट होगी. इस मंदिर की तीन मंजिलें हैं और प्रत्येक मंजिल की ऊंचाई 20 फीट है.
सवाल नंबर-5:मंदिर निर्माण के लिए कितने लोग काम कर रहे हैं? काम कैसा चल रहा है? कब तक चलेगा काम?
मंदिर निर्माण का शिलान्यास पीएम नरेंद्र मोदी ने 5 अगस्त 2020 को किया था. इस काम में 3500 कर्मचारी दिन-रात काम कर रहे हैं. 31 दिसंबर 2023 तक निर्माण पूरा करने की समयसीमा खत्म हो रही है. अभी ग्राउंड फ्लोर का काम चल रहा है. ग्राउंड फ्लोर पर श्री राम की पूरी कहानी को पत्थर में उकेरा जाएगा. मंदिर निर्माण में मिट्टी परीक्षण के बाद विशेषज्ञों की सलाह पर 15 मीटर गहराई तक मिट्टी हटाकर दूसरी मिट्टी भरने की सलाह दी. इस इलाके में आए भूकंप से 50 गुना ज्यादा तीव्रता का भूकंप भी आए तो कोई खतरा नहीं होगा.
सवाल नंबर-6:यह मिट्टी कहां से आई और अगर सरयू नदी में बाढ़ आएगी तो क्या मंदिर पर कोई असर पड़ेगा?
मंदिर की मिट्टी में कुछ विशेष प्रकार का सीमेंट भी मिलाया जाता है. इसके बाद इस तरह परत दर परत 47 परतें जोड़कर फाउंडेशन तैयार किया गया है. सरयू नदी में बाढ़ के मुद्दे की भी जांच की गयी है. सीएसआईआर ने कहा है कि किसी भी तरह से बाढ़ का खतरा नहीं है.
सवाल नंबर-7:यह पता चला है कि निर्माण कार्य को पहले पूरा करने के लिए अतिरिक्त श्रमिकों को लाया गया है. ये सभी मजदूर कहां से लाए गए हैं?
लार्स एंड टर्बो कंपनी राम मंदिर का निर्माण कर रही है. यह कंपनी निर्माण कार्य कर रही है. इस काम की निगरानी टाटा कंसल्टेंसी कर रही है. इसके लिए कुशल श्रमिक काम में लगे हैं. मंदिर में लगभग 390 स्तंभ हैं. प्रत्येक स्तंभ पर लगभग 30 मूर्तियां उत्कीर्ण हैं. इसमें दक्ष कारीगर उड़ीसा के हैं. पत्थर के काम के लिए राजस्थान से कुशल कारीगर आए हैं. अलग-अलग जगहों से अलग-अलग काम के लिए लोगों को लाया गया है. इसमें पश्चिम भारत, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान से बड़ी संख्या में श्रमिक लाए गए हैं.
सवाल नंबर-8: श्रीराम के अलावा और किनके मंदिर होंगे?
राम मंदिर निर्माण में देश के 5 लाख गांवों से लाई गई ईंट का ही इस्तेमाल किया गया है. इसलिए हर राज्य किसी न किसी रूप में इस मंदिर में है. इसके अलावा, परकोटा के बाहर इसी क्षेत्र में 7 और मंदिर भी बनने जा रहे हैं. इसमें महर्षि वाल्मिकी, वशिष्ट, निषाद महाराज, सबरीमाता, अहिल्या जैसे सात मंदिर शामिल होंगे.
सवाल नंबर-9:इन सबमें श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट की क्या भूमिका होगी?
मंदिर निर्माण के बाद राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ही पूरा प्रशासनिक काम करेगा. निर्माण के बाद के सभी प्रशासनिक कार्य भी ट्रस्ट को ही करने होंगे. भीड़ नियंत्रण, भक्तों की सुविधाएं, धन प्रबंधन ये सभी मामले ट्रस्ट को ही करने होंगे. इस पूरी प्रक्रिया में सरकार की ओर से कोई हस्तक्षेप नहीं करेगा. भारत के लोगों के जरिए अब तक साढ़े तीन हजार करोड़ का दान आ चुका है. ये सारा दान ट्रस्ट के खाते में ही जमा होता है. उन्हें इसका हिसाब देना होगा.
सवाल नंबर-10:सुरक्षा के लिहाज से क्या व्यवस्था होगी?
राम मंदिर की सुरक्षा दो चरणों में होगी. पहले चरण में मंदिर क्षेत्र में सुरक्षा. यह पूरी जिम्मेदारी ट्रस्ट की होगी. इस सुरक्षा की व्यवस्था ट्रस्ट खुद करेगा. लेकिन पूरी सुरक्षा उत्तर प्रदेश सरकार देखेगी. जिस तरह वीआईपी लोगों की सुरक्षा के लिए एसपीजी कमांडो होते हैं. ऐसे में पुलिस बल के कुछ लोगों को मंदिर की सुरक्षा में लगाया जाएगा.