Ram Mandir Inauguration: अयोध्या में 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर का उद्घाटन और मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होगी. पांच सौ साल बाद आने वाले इस पवित्र क्षण को लेकर सनातन धर्मावलंबी समेत पूरी दुनिया के राम भक्तों में उत्साह है. सभी लोग इस पल का साक्षी भी बनना चाहते हैं. भारत के साथ भगवान श्रीराम के ससुराल नेपाल और जनकपुर के लोग भी खासे उत्साहित हैं. सदियों से चली आ रही रोटी-बेटी की इसी परंपरा को ध्यान में रखते हुए नेपाल की पवित्र नदियों का जल अयोध्या भेजा जा रहा है.


इसी जल से भगवान श्रीराम का जलाभिषेक होगा. कलश में भरा ये जल रथ पर शुक्रवार को गोरखपुर के गोरक्षनाथ मंदिर पहुंचा. यहां पर विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल और गोरखनाथ मंदिर के साथ आम श्रद्धालुओं ने भी कलश में भरे पवित्र जल की आरती की. गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर में सुबह 11:15 बजे नेपाल की नदियों से कलश में रखा गया पवित्र जल पहुंचा था. हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने पवित्र जल के दर्शन किए. 


नेपाल की इन नदियों से आया जल


भगवान श्रीराम की ससुराल जनकपुर यानी नेपाल के लोग अपने दामाद के महल में प्रवेश को लेकर आतुर हैं. अपने राम और जानकी (सीता) के स्वागत को लेकर विभिन्न कार्यक्रम और अपना सहयोग कर रहे हैं. अयोध्या में रामलला के जलाभिषेक के लिए नेपाल की नदियों का जल एकत्रित किया गया है. बागमती, नारायणी, गंगा सागर, दूधमति, काली, गंडकी, कोशी, कमला आदि नदियों का जल भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा के समय पूजन विधि में उपयोग किया जाएगा. 


श्रीराम की मूर्ति का किया जाएगा जलाभिषेक


नदियों के पवित्र जल को गहवा माई रथ यात्रा सरि के साथ नेपाल हिंदू परिषद की ओर से जनकपुर से अयोध्या ले जा रहा है. श्री राम मंदिर को लेकर नेपाल में राम भक्त काफी उत्साहित हैं. मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के समय पूजन में विभिन्न पवित्र नदियों के जल से भगवान की मूर्ति का स्नान कराया जाना है. ये रथ 29 दिसंबर को अयोध्या पहुंचेगा. ससुराल की पवित्र नदियों के जल से भगवान श्रीराम की मूर्ति का जलाभिषेक किया जाएगा. 


इस अवसर पर विश्व हिंदू परिषद के मंडल प्रभारी दुर्गेश त्रिपाठी ने बताया कि नेपाल की अलग-अलग नदियों के पवित्र जल को कलश में भरकर रथ से नेपाल हिन्दू परिषद लेकर अयोध्या जा रहा है. इसी जल से भगवान श्रीराम का जलाभिषेक होगा. 29 जनवरी को ये जल अयोध्या पहुंचेगा. भगवान श्रीराम की ससुराल से ये जल अलग-अलग नदियों से एकत्र कर लाया गया है. भारत और नेपाल का रिश्ता भाई-भाई का रहा है. 


22 जनवरी को श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा


उन्होंने कहा कि ये माता सीता और भगवान श्रीराम के विवाह के बाद से और पवित्र हो गया है. यही वजह है कि लोगों में इसके स्वागत को लेकर खासा उत्साह है. रात से ही लोग इसका इंतजार कर रहे हैं. जब भगवान श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा होगी, तो 22 जनवरी का वो पल इतिहास में दर्ज हो जाएगा. ये जल अभिषेक के बाद अयोध्या के लिए प्रस्थान करेगा. 


विश्व हिंदू परिषद नेपाल के महामंत्री जितेंद्र ने बताया कि हिन्दू राष्ट्र नेपाल की नदियों के पवित्र जल को जनक जननी माता सीता के जनकपुर में संग्रह करके आज से तीन दिन पहले हिन्दू समाज की सहभागिता में प्रस्थान किया. यहां से रास्ते में लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं ने स्वागत किया. आज गोरखनाथ की पुण्य भूमि और मंदिर में पहुंचे हैं. यहां से अयोध्या धाम में ट्रस्ट को हस्तांतरित करेंगे. पूजन के बाद प्रस्थान करेंगे. यहां पर वे लोग 60 की संख्या में पहुंचे हैं. आज वे अयोध्या धाम पहुंचेंगे. 


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