Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या में अगले साल एक जनवरी तक राम मंदिर तैयार होने की केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की घोषणा के एक दिन बाद श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सचिव चंपत राय ने शुक्रवार को दोहराया कि मंदिर का निर्माण समय पर पूरा होगा और 2024 के जनवरी महीने में इसे श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया जाएगा.


त्रिपुरा के सबरूम में बृहस्पतिवार को एक रैली को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा था, ‘‘राहुल बाबा, सबरूम से सुन लीजिए कि एक जनवरी, 2024 को अयोध्या में एक विशाल राम मंदिर बनकर तैयार हो जाएगा.’’


अयोध्या में राम मंदिर निर्माण और प्रबंधन के लिए गठित ट्रस्ट के पदाधिकारी राय ने कहा कि मंदिर का निर्माण कार्य जोरों पर चल रहा है और यह 2024 में बनकर तैयार हो जाएगा.


ट्रस्ट के सचिव राय ने कहा, ‘‘अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कार्य प्रगति पर है और 2023 के अंत तक मूल गर्भगृह का निर्माण पूरा होने की उम्मीद है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमने दिसंबर 2023 में मंदिर के निर्माण की समयसीमा तय की है और जनवरी, 2024 से इसे भक्तों के लिए खोल दिया जाएगा.‘‘


कर संक्रांति पर मंदिर के गर्भगृह में रामलला की मूर्ति स्थापित
राय ने कहा, ‘‘राम मंदिर के लिए समारोह 2023 के दिसंबर में शुरू होंगे और 2024 में मकर संक्रांति (14 जनवरी) तक जारी रहेंगे.’’ मंदिर ट्रस्ट की योजनाओं की जानकारी देते हुए राय ने कहा, ‘‘योजना के तहत 2024 में मकर संक्रांति पर मंदिर के गर्भगृह में रामलला की मूर्ति स्थापित की जाएगी.’’


चंपत राय ने बताया कि अयोध्या में निर्माणाधीन भव्य राम जन्मभूमि मंदिर के गर्भगृह में भगवान राम की नई मूर्ति होगी, जिसे 35 फीट की दूरी से भक्तों को सर्वश्रेष्ठ ‘दर्शन’ प्रदान करने के लिए नौ फीट की ऊंचाई पर स्थापित किया जाएगा.


चयन के लिए मूर्तियों का मसौदा भेजने को कहा
उन्होंने कहा कि ट्रस्ट सर्वश्रेष्ठ मूर्तियों को तैयार करने के लिए देश भर के बेहतरीन मूर्तिकारों को शामिल करेगा. ट्रस्ट ने ओडिशा के मूर्तिकारों सुदर्शन साहू और वासुदेव कामथ, कर्नाटक के केकेवी मनिया और पुणे के शत्रुज्ञ देउलकर से चयन के लिए मूर्तियों का मसौदा भेजने को कहा है.


राम मंदिर ट्रस्ट के सचिव चंपत राय ने कहा, ‘‘हम राम लला की नई मूर्ति बनाने के लिए देश के सभी वरिष्ठ संतों के साथ चर्चा करेंगे और हमने कर्नाटक, ओडिशा और महाराष्ट्र से पत्थरों का चयन किया है.’’


उन्होंने कहा, ‘‘हमने मूर्ति की स्थापना के लिए खगोल विज्ञान और खगोल भौतिकी केंद्र के विशेषज्ञों की एक टीम गठित की है, ताकि उगते सूरज की किरणें मूर्तियों के माथे को छू सकें.’’ गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पांच अगस्त, 2020 को मंदिर निर्माण के लिए ‘‘भूमि पूजन’’ किया था.


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