Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या में प्रभु रामलला के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के लिए ख़ुशख़बरी हैं. राम भक्त अब एक बार फिर से भगवान की आरती में शामिल हो सकेंगे. रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद उमड़ी भीड़ को देखते हुए श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट ने इस पर रोक लगा दी थी, लेकिन अब ट्रस्ट ने फिर से भक्तों को आरती में शामिल होने पर सहमति दे दी है. इसके लिए श्रद्धालुओं को पहले से आवेदन करना होगा. 


22 जनवरी को भगवान श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद 23 जनवरी को जिस प्रकार से भक्तों की भीड़ बढ़ी है उसे देखते हुए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने दर्शन की अवधि बढ़ा दी थी. भीड़ की वजह से रामभक्त प्रभु रामलला की आरती में भी शामिल नहीं हो पा रहे थे. लेकिन, अब दर्शन पूजन की अवधि में परिवर्तन किया गया है. अब प्रातः 4:00 बजे रामलला को उठाया जाता है जैसे मां अपने बच्चों को उठाते समय लोरी सुनाती है उसी तरह 4:30 बजे उनकी मंगला आरती होती है. इसके बाद उनको स्नान कराया जाता है और नए वस्त्र धारण करने के बाद श्रृंगार होता है. 


रामलला की आरती का समय
श्रृंगार होने के बाद 6:30 बजे दर्शन शुरू हो जाता है. दोपहर 12:00 बजे भोग आरती होती है लेकिन, मंदिर के कपाट बंद नहीं होते और दर्शन चलता रहता है इसी तरह सायं 7:30 बजे आरती के समय भी कपाट बंद नहीं होते हैं और दर्शन निरंतर जारी रहता है 9:00 बजे भोग आरती होती है लेकिन दर्शन बंद नहीं होता है. रात्रि 10:00 बजे शयन आरती के बाद मंदिर के कपाट बंद होते है और रामलला को शयन कराया जाता है और इसी के साथ दर्शन की अवधि समाप्त होती है. 


प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के समय दर्शनार्थियों को सुबह 6:30 बजे मंगला आरती और 7:30 बजे की आरती में ऑनलाइन आवेदन के बाद शामिल होने का मौका मिलता था लेकिन, अब सुबह 4:30 बजे मंगला आरती और रात्रि 10:00 बजे शयन आरती में दर्शनार्थियों को शामिल होने का मौका मिलेगा. 


श्रद्धालु ऐसे कर सकते हैं आवेदन
30 जनवरी को श्रद्धालुओं की बढ़ी संख्या को देखते हुए आरती के लिए सभी ऑनलाइन आवेदन निरस्त कर दिए गए थे. लेकिन अब फिर से ऑनलाइन आवेदन शुरू हो गए हैं. इसके तहत एक समय की आरती के लिए 20 लोग ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं इस तरह दिन भर में 40 राम भक्त आरती में शामिल हो सकते हैं. आवेदन के लिए ट्रस्ट के वेबसाइट पर अपनी आईडी के साथ आवेदन करना होता है. आरती में 50 लोगों के मौजूद रहने की व्यवस्था है जिसमें 20 लोग ऑनलाइन और 30 लोगों को ट्रस्ट द्वारा ऑफलाइन शामिल होने का मौका दिया जाता है.  


ट्रस्ट के फ़ैसले के बाद नई दर्शन अवधि की समय सारणी में बदलाव हो सकता है. इसे लेकर ट्रस्ट में विचार विमर्श जारी है. ट्रस्ट से जुड़े लोगों की माने तो दर्शन अवधि में लगभग एक घंटे की कटौती हो सकती है और यह व्यवस्था मार्च से लागू हो सकती है. इसकी वजह ये हैं कि रामलला बालक स्वरूप में हैं. इसलिए जिस मां बच्चों का ध्यान रखती है पुजारी भी ध्यान रखते हैं. उनको बालक की तरह की नहलाया, दुलारा और भोजन कराया जाता है. दर्शन अवधि बढ़ने से उन्हें विश्राम का समय नहीं मिल पाता. इसलिए दर्शन अवधि को कम किया जा रहा है.