Ayodhya News: अयोध्या में प्रभु श्री राम लला का राम मंदिर (Ram Mandir) बनने के बाद 17 अप्रैल को पहली रामनवमी पड़ रही है.राम नवमी (Ram Navami 2024) का भक्तों को बेसब्री से इंतजार है. हर कोई राम नवमीं को अयोध्या रामलला के दर्शन करने की सोच रहा है. तो वहीं इस बार की रामनवमी अलौकिक होने वाली है क्योंकि इस दिन रामलला का सूर्य तिलक होगा. अयोध्या में बना भव्य राम मंदिर इस लिहाज से बनाया गया है कि रामनवमी के दिन रामलला का सूर्य तिलक हो सके. रामनवमी के दिन ठीक दोपहर 12:00 बजे सूर्य की किरणें रामलला के मस्तक पर पड़ेंगे जिससे उनका सूर्य तिलक होगा.
रामनवमी के दिन होने वाले रामलला के सूर्याभिषेक पर सूर्य की किरणें 4 मिनट तक रामलला के मुखमंडल को प्रकाशित करेंगी. जो सूर्य की किरणें रामलला के मस्तक पर पड़ेंगी वो तकरीबन 75 मिलीमीटर की गोलाकार आकर की होंगी. रामलला का तिलक करने की तैयारी में कुछ भी वैज्ञानिक जुटे हैं और इसलिए राममंदिर में उपकरण भी लगाए जा रहे हैं जिसका जल्द ही ट्रायल किया जायेगा. इसके बाद राम नवमी के दिन दोपहर के 12 रामलला को सूर्य तिलक होगा.
सूर्य की किरणों से अभिषेक के पीछे का क्या है महत्त्व
प्रभु श्री राम को सूर्यवंशी थे. ऐसे में जिस दौरान राम मंदिर का निर्माण हुआ उस दौरान इस बात का प्रस्ताव रखा गया कि वैज्ञानिक विधि से ऐसा प्रबंध कराया जाए जिससे रामनवमी के दिन सूर्य की किरणें सीधे रामलला की मूर्ति पर ऐसे पड़े जैसे वो उनका अभिषेक कर रही हो. इस वैज्ञानिक विधि के लिए रुड़की के सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों ने मिरर लेंथ और पीतल के प्रयोग से एक अनोखा ऐसा सिस्टम बनाया है जिससे रामलला के मस्तिष्क पर दोपहर 12:00 बजे सूर्य की किरणें पड़ेगी, इसमें किसी भी बैटरी या बिजली का उपयोग नहीं किया जा रहा है.
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