UP News: अयोध्या (Ayodhya) में भगवान राम का भव्य मंदिर (Ram Mandir) बन रहा है. ट्रस्ट की मंशा है कि दिसंबर 2023 में भगवान के मंदिर के गर्भगृह का हिस्सा बन करके तैयार हो जाए, जिससे कि रामलला राम भक्तों को अपने जन्म स्थान पर दर्शन दें. इसके लिए लगातार कार्यदाई संस्थाएं कार्य कर रही हैं. रामलला के मंदिर की मजबूती को लेकर के भी ट्रस्ट और कार्यदाई संस्था संवेदनशील हैं.


सैकड़ों वर्षों प्रतीक्षारत रहने वाले इस मंदिर की आयु को लेकर भी इंजीनियर और वैज्ञानिकों से राय ली गई है. रामलला के मंदिर की बुनियाद 400 ×300 फुट चौड़े और 50 मीटर गहरे विशालकाय भूखंड पर वैज्ञानिक पद्धति डाली गई है. अब मंदिर की बुनियाद को सरयू की जलधारा से सुरक्षित रखने के लिए रिटेनिंग वॉल बनाई जा रही है.


क्या होगा फायदा?
रामलला के मंदिर के बुनियाद को सरयू की जलधारा से सुरक्षित करने वाली रिटेनिंग वॉल की तस्वीरें सामने आई हैं. लोहे के मोटे-मोटे सलाखें और जमीन के नीचे 12 मीटर गहरी खायी जो दक्षिण और उत्तर दिशा से सरयू के जलधारा को मंदिर की बुनियाद से टकराने से रोकेगी. जिससे कि मंदिर की आयु लंबी हो सकेगी. आगामी बरसात से पूर्व रिटेनिंग वाल निर्माण की प्रक्रिया को पूरा करने की है. रिटेनिंग वाल का निर्माण कुछ सीमा तक हो भी गया है. मोटी-मजबूत सरिया का सघन जाल गहराई तक बिछा दिया गया है. उसमें सीमेंट-कंक्रीट का अति सुदृढ़ मिश्रण भरा भी जा रहा है, कुछ हिस्से अभी रिक्त हैं.


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अगस्त तक पूरा होगा प्लिंथ का निर्माण
प्लिंथ का निर्माण भी तेजी के साथ किया जा रहा है. प्लिंथ पर ही भगवान रामलला के मंदिर निर्माण के लिए बंसी पहाड़पुर के पत्थर लगाए जाएंगे. 21 फीट ऊंची प्लिंथ सात चरणों में निर्मित होनी है. मंदिर के गर्भ गृह की तरफ से प्रथम चरण का कार्य लगभग पूरा हो चुका है. दूसरे चरण का काम शुरू किया जा रहा है. उम्मीद जताई गई कि प्लिंथ निर्माण अगस्त माह में बरसात के पहले तक पूर्ण कर लिया जाएगा. इसके लिए भी अगले कुछ माह के दौरान बड़ी मात्रा में शिलाओं की जरूरत होगी. जबकि प्लिंथ निर्माण के बाद प्रस्तावित मंदिर के अनुरूप तराश कर रखी गई, सिलाओं का इस्तेमाल शुरू होगा.


किन पत्थरों ने होगा गर्भगृह का निर्माण?
राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा ने कहा कि मंदिर निर्माण में प्लिंथ का कार्य बहुत तीव्रता के साथ प्रारंभ हो गया है. पहली लेयर गर्भ ग्रह के तरफ से पूरी हो गई है. दूसरी लेयर का काम चल रहा है. समय के अंदर हम गर्भ ग्रह के एरिया पर मंदिर का कार्य प्रारंभ करने वाले हैं. साथ ही अनिल मिश्रा ने बताया कि जुलाई लास्ट तक निर्माण कार्य को पूरा कर लेंगे. उसके उपरांत बंसी पहाड़पुर के पत्थरों से गर्भ गृह के निर्माण का कार्य प्रारंभ होगा. अगस्त महीने से ऐसा विश्वास है कि बंसी पहाड़पुर का पत्थर वहां लगना शुरू होगा.


क्या बोले सदस्य?
ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा ने कहा कि रिटेनिंग वॉल का कार्य बहुत तेजी के साथ चल रहा है. लगभग आधे हिस्से की रिटेनिंग वॉल पर छह फीट ऊंची दीवाल नीचे का काम पूरा कर पड़ चुकी है. सेस का नीचे का काम चल रहा है. वह भी बरसात के पहले पूरा करके 6 मीटर ऊंची दीवार डालने के बाद मिट्टी की भराई समय अंतर्गत हम कर लेंगे. जिससे बरसात से निर्माण पर कोई प्रभाव ना पड़े. अनिल मिश्रा ने कहा कि मंदिर का निर्माण कार्य चल रहा है. प्लिंथ का निर्माण और न्यू का निर्माण यह सब मंदिर निर्माण की प्रक्रिया का ही हिस्सा है. इसमें हम भगवान को विराजित करने के लायक दिसंबर 2023 तक इतना गर्भ ग्रह का हिस्सा तैयार कर लेंगे. ताकि भगवान को वहां विराजित करके भक्तों को उनके जन्म स्थान पर दर्शन करने लायक बना लें. यह हमारा प्रयास चल रहा है कि हमारी जो एलएनटी कंपनी है, टीसीएस सब कंपनियां लगी हुई हैं. निश्चित रूप से समय के अंतर्गत जो मंदिर उपेक्षा किया है, उतना बंन करके तैयार होगा.


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