Ayodhya News: राम मंदिर (Ram Mandir) भवन निर्माण समिति की दो दिवसीय बैठक अयोध्या (Ayodhya) में शनिवार से शुरू हुई. बैठक की अध्यक्षता निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने की और ट्रस्ट के सचिव चंपत राय व ट्रस्टी अनिल मिश्रा ने भी इसमें हिस्सा लिया. ट्रस्ट सूत्रों के अनुसार बैठक में मंदिर निर्माण की प्रगति की समीक्षा की गई और गर्भगृह में स्थापित होने वाली रामलला (Ramlala) की नई मूर्ति की नक्काशी और प्रतिमा स्थापित किए जाने पर भी चर्चा हुई. निर्माण समिति की पिछली बैठक पांच जनवरी को हुई थी और एक महीने में यह दूसरी बैठक थी.
ट्रस्ट के सचिव चंपत राय ने कहा, ''मंदिर निर्माण से जुड़े मुद्दों पर चर्चा हुई और यह बैठक रविवार को भी जारी रहेगी.'' इस बीच, राम जन्मभूमि पर रामलला की मूर्ति को तराशने में इस्तेमाल होने वाली नेपाल की गंडकी नदी की विशेष चट्टानें गुरुवार को अयोध्या पहुंचेंगी. इस पत्थर पर उकेरी गयी भगवान राम की बाल रूप की मूर्ति को राम मंदिर के गर्भगृह में रखा जाएगा, जो अगले साल जनवरी में मकर संक्रांति तक बनकर तैयार हो जाएगा.
शालीग्राम शिलाएं छह करोड़ साल पुरानी हैं
नेपाल के मुस्तांग जिले में शालीग्राम या मुक्तिनाथ (शाब्दिक रूप से 'मोक्ष का स्थान') के करीब एक स्थान पर गंडकी नदी में पाए गए छह करोड़ वर्ष पुराने विशेष चट्टानों से पत्थरों के दो बड़े टुकड़े बुधवार को नेपाल से रवाना कर दिये गये हैं जो गुरुवार को अयोध्या पहुंचेंगे. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कार्यालय प्रभारी प्रकाश गुप्ता ने कहा, 'ये शालीग्राम शिलाएं छह करोड़ साल पुरानी हैं. विशाल शिलाएं दो अलग-अलग ट्रकों पर नेपाल से अयोध्या पहुंचेंगी. एक पत्थर का वजन 26 टन और दूसरे का वजन 14 टन है.'
गुप्ता ने कहा, 'विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय सचिव राजेंद्र सिंह पंकज बुधवार को नेपाल के मस्तंग जिले से दो पवित्र शिलाओं की खेप लेकर चल दिए हैं और उनके गुरुवार तक अयोध्या पहुंचने की उम्मीद है.