Ayodhya News: अयोध्या में भव्य रामजन्मोत्सव शुरू, साधु संतों ने की रामकोट की परिक्रमा, जानें- कैसे हुई थी शुरुआत
Ayodhya News: रामकोट की परिक्रमा 2005 से लगातार की जा रही है. जब भगवान रामलला अपने भव्य मंदिर में विराजमान हो जाएंगे, उसके बाद ये परिक्रमा अयोध्या आने वाले श्रद्धालु भी करेंगे.
Ayodhya Ramnavami 2023: चैत्र मास की शुक्ल पक्ष प्रतिपदा को हिंदू नव वर्ष (Hindu New Year) शुरू होता है, इसे नव संवत्सर के नाम से भी जाना जाता है. अयोध्या (Ayodhya) में इसकी पूर्व संध्या पर सभी संत, महंतों ने रामकोट (Ram Kot) की परिक्रमा की. ये परिक्रमा रामकोट के परिक्षेत्र में की जाती है. इस परिक्रमा की शुरुआत 5 अप्रैल 2005 को हुई थी जब रामलला के मंदिर पर आतंकी हमला हुआ था. इसके बाद भय के वातावरण को खत्म करने के लिए साधु-संतों ने रामकोट की परिक्रमा की शुरुआत की थी.
रामकोट की परिक्रमा 2005 से लगातार की जा रही है. और अब भगवान राम लला का भव्य मंदिर बन रहा है. जब रामलला अपने भव्य मंदिर में विराजमान हो जाएंगे उसके बाद ये परिक्रमा अयोध्या आने वाले श्रद्धालु भी करेंगे. ये परिक्रमा हर वर्ष नव संवत की पूर्व संध्या पर की जाती है. मंगलवार को साधु संतों ने पूजन के बाद राम कोट की परिक्रमा गाजे-बाजे के साथ की.
साधु संतों ने की रामकोट की परिक्रमा
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा ने बताया कि 2005 में जब राम मंदिर पर आतंकी हमला हुआ था उस समय इस परिक्रमा को साधु संतों ने प्रारंभ किया. वास्तव में उस समय आतंकियों ने दुस्साहस किया उसका मुंहतोड़ जवाब हिंदू समाज ने दिया. भगवान राम की परिक्रमा हिंदू समाज की संगठित शक्ति का एक प्रदर्शन और ये संकल्प कि हम इसी स्थान पर जहां हमारे भगवान राम पैदा हुए थे वही भव्य और दिव्य मंदिर का निर्माण करेंगे. उस समय से प्रारंभ हुई परिक्रमा अब हर साल होती है. राम मंदिर का निर्माण हो रहा है, संतों के आंखों में खुशी है वो साक्षात मंदिर के संकल्प को पूरा होते हुए देख रहे हैं.
आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए हुई थी शुरुआत
श्री राम जन्म महोत्सव समिति के संयोजक गिरीश पति त्रिपाठी ने कहा कि 5 जुलाई 2005 को आतंकी अयोध्या में गर्भ गृह के पास तक पहुंच गए थे. जिसके बाद भय का वातावरण हो गया था. जिसे दूर करने के लिए राम कोटे का परिक्रमा की शुरुआत की गई थी. ये परंपरा लगातार चली आ रही है. आज भी संतों के नेतृत्व में ये परिक्रमा हो रही है. परिक्रमा हर वर्ष की नव संवत की पूर्व संध्या पर होती है. अयोध्या में इस बार रामनवमी भी बेहद खास है. कोरोना काल के बाद पहली रामनवमी है दूसरे भगवान के गर्भ गृह में दिव्य और भव्य राम मंदिर बन रहा है. गर्भ गृह में प्रवेश करने से पूर्व यह अंतिम परिक्रमा है. मुझे लगता है कि अयोध्या वासी भी और राम से जुड़े लोग भी सनातन संस्कृति को मानने वाले लोग एक विशेष आनंद का अवसर है.
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