अयोध्या: राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण का कार्य रात दिन दोगुनी तेजी के साथ चल रहा है. कोरोना से राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण का कार्य बाधित नहीं हुआ जबकि, पूरे देश में कोरोना की वजह से तमाम समस्याएं उत्पन्न हुई. मंदिर निर्माण के लिए बुनियाद भरने के लिए तय समय सीमा रखी गई है और उसको समय पर पूरा करने के लिए 2 शिफ्टों में काम हो रहा है. 12-12 घंटे की दो शिफ्ट कार्यदायी संस्था की तरफ से कराई जा रही है जिससे समय पर कार्य पूरा हो सके. 


वास्तु दोष को किया गया खत्म 
रामलला के मंदिर निर्माण के लिए वास्तु दोष को खत्म करने के लिए परकोटा सीधा करने और भी जमीनों की आवश्यकता थी. इसी क्रम में राम जन्मभूमि से सटे हुए फकीरे राम और कौशल्या भवन दो मंदिरों का ट्रस्ट ने बैनामा कराया था. रामलला के मंदिर की बुनियाद को भरने के लिए एक फीट मोटी लेयर को बिछाना और उसके बाद उसको कॉम्पैक्ट करने में 4 से 5 दिन का समय लग रहा है. ट्रस्ट का दावा है कि अक्टूबर माह तक 400 फीट लंबा 300 फीट चौड़ा और 50 फीट गहरी बुनियाद के लिए खोदे गए स्थल को भर दिया जाएगा.


तेजी से चल रहा है कार्य 
बता दें कि, रामलला के मंदिर निर्माण के लिए बुनियाद भरने का काम परिसर में चल रहा है. कोरोना काल में जहां पूरे देश में तमाम तरीके की समस्याएं हैं. तमाम कार्य पूर्ण रूप से ठप हो गए थे लेकिन राम जन्मभूमि परिसर में लगातार मंदिर निर्माण का कार्य तेजी के साथ चल रहा है. 24 घंटे में 20 घंटे काम हो रहा है. मजदूरों से दो शिफ्ट कराई जा रही है. ट्रस्ट का दावा है कि लगातार 18 से 20 घंटे काम हो रहा है और अक्टूबर के अंत तक बुनियाद भरने का काम पूरा हो जाएगा. कार्यदायी संस्था लगातार तेजी के साथ मंदिर निर्माण का कार्य कर रही है. 


4 लेयर अब तक कंप्लीट हो चुकी है
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि 400 फीट लंबा, 300 फीट चौड़ा और 50 फीट गहरे क्षेत्र से लगभग 120000 घन मीटर मलबा हटाया गया था जिसको भरा जा रहा है. एक फीट मोटी लेयर बिछाना और रोलर पर कॉम्पैक्ट करने में 4 से 5 दिन लग रहे हैं. राम जन्मभूमि परिसर में 4 लेयर अब तक कंप्लीट हो चुकी है दो-तीन घंटे मूसलाधार बारिश होने के बाद मंदिर निर्माण का कार्य एक दिन रुक जाता है. दो महीने भर का काल है और उम्मीद है कि अक्टूबर माह के अंत तक काम पूरा हो जाएगा. 


नहीं पड़ा कोरोना का साया 
चंपत राय ने बताया कि मंदिर निर्माण को लेकर वास्तु दोष खत्म करने के लिए मंदिर के परकोटे को सीधा करने के लिए जमीन की आवश्यकता थी जो फकीरे राम और कौशल्या भवन को लिए जाने के बाद लगभग पूरी हो गई है. अभी पश्चिम तरफ परकोटे के कोने को सीधा किया जाना बाकी है. कोरोना का साया मंदिर निर्माण की प्रक्रिया पर नहीं पड़ा है. ट्रस्ट के महासचिव ने कहा कि मजदूर भगवान का काम कर रहे हैं और इसी वजह से सभी सुरक्षित हैं. 
 
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