लखनऊ, एबीपी गंगा। अयोध्या राम जन्मभूमि मामले में आज से सुप्रीम कोर्ट में रोजाना सुनवाई शुरू हो चुकी है। इस वक्त सीजेआई रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ इसकी  सुनवाई कर रही है। इस पीठ में सीजेआई के अलावा जस्टिस एसए बोबडे, डीवाई चंद्रचूड़, अशोक भूषण और एस अब्दुल नजीर शामिल हैं। बता दें कि अयोध्या मामले में बातचीत से हल निकालने के लिए बनाई गई मध्यस्थता का कोई नतीजा नहीं निकलने के बाद शीर्ष न्यायालय ने इस पर रोजाना सुनवाई करने का फैसला किया है।


Ayodhya Hearing LIVE Updates:




  • सुन्रानी वक्फ बोर्ड के वकील राजीव धवन को सुप्रीम कोर्ट ने बीच में हस्तक्षेप करने पर लगाई फटकार, कहा कोर्ट कि मर्यादा का ख्याल रखे, सीजेआई ने कहा कोर्ट आपका पक्ष भी सुनेगा। सुप्रीम कोर्ट ने सख्त लहजे में कहा कि भविष्य में ऐसा न हो इसका आप ख्याल रखे

  • सुप्रीम कोर्ट ने कहा हम सभी पक्षों को पूरा मौका देंगे।

  • निर्मोही अखाड़ा ने कहा- हमारी मांग है कि इस मसमले मे नियुक्त कोर्ट रिसीवर को हटा दिया जाए और विवादित जमीन की देखभाल और इसकी कस्टडी का जिम्मा अखाड़े को दे दे।

  • निर्मोही अखाड़ा ने विवादित 2.77 एकड़ राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि पर पूरा दावा करते हुए कहा कि वे विवादित स्थल पर अनादिकाल से राम लला के पास, प्रबंध और पूजा करते रहे हैं।

  • जैन की दलील- मस्ज़िद को पुराने रिकॉर्ड में मस्ज़िद ए जन्मस्थान लिखा गया है। बाहर निर्मोही साधु पूजा करवाते रहे। हिन्दू बड़ी संख्या में पूजा करने और प्रसाद चढ़ाने आया करते थे। निर्मोही के संचालन में कई पुराने मंदिर। झांसी की रानी ने भी हमारे एक मंदिर में प्राण त्यागे थे।

  • निर्मोही अखाड़ा कोर्ट में कहा  कि झांसी की लड़ाई के बाद 'झांसी की रानी' की रक्षा निर्मोही ने की थी और उसने अयोध्या में भी मंदिर में शरण ली थी।

  • एडवोकेट सुशील कुमार जैन निर्मोही अखाड़ा का पक्ष रख रहे है। निर्मोही अखाड़ा के वकील सुशील कुमार जैन ने कहा कि बरसों से इस ज़मीन और राम जन्मस्थान पर निर्मोही अखाड़े के अधिकार है। निर्मोही अखाड़ा ने कहा कि विवादित परिसर के अंदरूनी हिस्से पर पहले हमारा कब्ज़ा था, जिसे दूसरे ने बलपूर्वक कब्ज़े में ले लिया, बाहरी पर पहले विवाद नहीं था, 1961 से विवाद शुरू हुआ।निर्मोही अखाड़े के वकील सुशील जैन ने कहा कि मेरा सूट दरअसल विवादित परिसर के अंदरूनी हिस्से को लेकर है,जिस पर हमारा 100 साल से कब्ज़ा था

  • न्यायालय ने अयोध्या मामले की सुनवाई की रिकॉर्डिंग करने की आरएसएस के पूर्व विचारक के एन गोविंदाचार्य की अर्जी खारिज की ।

  • उच्चतम न्यायालय ने राजनीतिक रूप से संवेदनशील अयोध्या की राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि मालिकाना हक विवाद मामले में सुनवाई शुरू की ।

  • अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट में आज से रोजाना सुनवाई शुरू हो गई है। मामले की सुनवाई कोर्ट में जारी है। इस बीच सुनवाई के लाइव प्रसारण की मांग को ठुकरा दिया गया है।


2 अगस्त को हुई पिछली सुनवाई में कोर्ट ने ये आदेश दिया कि 6 अगस्त से इस मामले की रोजाना सुनवाई की जाएगी। इस मामले की सुनवाई तब तक जारी रखी जाएगी, जब तक सुनवाई पूरी नहीं हो जाती।



दरअसल, कुछ पक्षकारों ने कोर्ट में अर्जी दाखिल कर कहा है कि अयोध्या मामले में बातचीत के जरिए हल निकालने की हो रही कोशिश में सही तरक्की नहीं हो रही है। इसको आगे बढ़ाना सिर्फ समय की बर्बादी है, इसलिए मध्यस्थता प्रक्रिया बंद कर दोबारा सुनवाई शुरू की जाए। इसी मामले पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने पहले तो मध्यस्थता कमिटी को 31 जुलाई तक काम करने और 1 अगस्त को रिपोर्ट देने को आदेश दिया था। जिसके बाद 2 अगस्त को फैसले सुनाते हुए कोर्ट ने कहा कि मध्यस्थता का कोई नतीजा नहीं निकला है और इसके साथ ही कोर्ट मामले की रोजाना सुनवाई के लिए तैयार हो गया।


इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला क्या था


सुप्रीम कोर्ट इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर सुनवाई करेगा। हाईकोर्ट ने साल 2010 में विवादित जमीन को तीन बराबर हिस्सों में बांट दिया था। इसमें एक हिस्सा भगवान रामलला विराजमान, दूसरा निर्मोही अखाड़ा और तीसरा हिस्सा सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को देने का आदेश सुनाया गया था। हाईकोर्ट के इसी फैसले को भगवान रामलाल विराजमान सहित हिंदू, मुस्लिम सभी पक्षों ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। साल 2010 से ही इनकी ये अपीलें कोर्ट में लंबित हैं।



मध्यस्थता कमिटी के गठन से लेकर अबतक....




  • सुप्रीम कोर्ट ने 8 मार्च को अयोध्या मामले को बातचीत से सुलझाने के लिए मध्यस्थता समिति बनाई थी।

  • 10 मई को सुनवाई के दौरान अदालत ने मध्यस्थों को 15 अगस्त तक मध्यस्थता पूरी करने का निर्देश दिया था।

  • मध्यस्थता के लिए गठित समिति में जस्टिस कलीफुल्ला के अलावा आध्यात्मिक गुरु और आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रवि शंकर और वरिष्ठ अधिवक्ता श्रीराम पंचू सदस्य बनाए गए।

  • 11 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने हिंदू पक्षकार गोपाल विशारद की जल्द सुनवाई की मांग पर सुनवाई की। कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए मध्यस्थता समिति को 25 जुलाई तक रिपोर्ट जमा करने को कहा है।

  • 18 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने कहा अगर मध्यस्थता पैनल की रिपोर्ट में कुछ सकारात्मक नहीं निकला, तो 2 अगस्त को मामले की रोजाना सुनवाई पर विचार किया जाएगा।

  • 1 अगस्त को मध्यस्थता समिति ने सीलबंद लिफाफे में कोर्ट को रिपोर्ट सौंपी।

  • 2 अगस्त को कोर्ट ने कहा कि मध्यस्थता का कोई नतीजा नहीं निकला है, 6 अगस्त से इस मामले की रोजाना सुनवाई होगी।

  • इस मामले की सुनवाई सीजेआई रंजन गोगोई की अध्यक्षता में पांच जजों की संवैधानिक बेंच द्वारा की जा रही है। जिसके जस्टिस एस. ए. बोबडे, जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण व जस्टिस एस. ए. नजीर सदस्य है।


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