नई दिल्ली, एबीपी गंगा। अयोध्या मामले में बड़ा फैसला लेते हुए सुप्रीम कोर्ट रोजना सुनवाई के लिए तैयार हो गया है। सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा आदेश देते हुए कहा है कि 2 अगस्त से मामले की रोजना सुनवाई होगी। 5 जजों की बेंच मामले की रोजाना सुनवाई करेगी। साथ ही कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया है कि एक अगस्त तक मध्यस्थता कमेटी अपनी रिपोर्ट दें। मंदिर कमेटी की रिपोर्ट के बाद आज मुख्य न्यायाधीश ने यह निर्णय लिया। इसके साथ ही मध्यस्थता कमेटी को कहा गया है कि एक अगस्त तक पूरी रिपोर्ट कोर्ट को सौंपे।
बता दें कि अयोध्या राम जन्मभूमि मामले के कुछ पक्षकारों ने कोर्ट में अर्जी दाखिल कर कहा था कि बातचीत के माध्यम से हल निकालने की कोशिश में सही तरक्की नहीं हो रही है। मध्यस्थता को आगे बढ़ाना सिर्फ समय की बर्बादी है, इसलिए इस प्रक्रिया को बंद कर दोबारा सुनवाई शुरू की जानी चाहिए।
पिछली सुनवाई के दौरान क्या हुआ
याचिकाकर्ताओं का कहना है कि कहा कि चूंकि मध्यस्थता किसी भी सकारात्मक परिणाम लाने की संभावना नहीं है, इसीलिए अदालत को सुनवाई के लिए तारीख देनी चाहिए। वहीं, पिछली सुनवाई में मुस्लिम पक्षकारों की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील डॉ. राजीव धवन ने कहा कि ये समय मध्यस्थता समिति की आलोचना करने का नहीं है। सभी पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने कहा था, 'हमने मध्यस्थता समिति का गठन किया है। हमें रिपोर्ट का इंतजार करना होगा। मध्यस्थतों को रिपोर्ट जमा करने दीजिए।'
तीन सदस्यीय पैनल कर रहा मध्यस्थता
गौरतलब है कि 10 मई को अयोध्या मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने मध्यस्थों को 15 अगस्त तक मध्यस्थता पूरी करने का निर्देश दिया था। न्यायाधीश एफ एम आई कलीफुल्ला की अध्यक्षता में गठित मध्यस्थता समिति ने अपनी रिपोर्ट सौंपी थी, जिसमें मध्यस्थता के लिए और 15 अगस्त तक का समय देने की मांग की गई थी। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में सकारात्मक मध्यस्थता होने की बात कही थी। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने कहा था कि उसे न्यायमूर्ति कलीफुल्ला मध्यस्थता समिति की रिपोर्ट मिली है और उसने अपनी कार्यवाही पूरी करने के लिये 15 अगस्त तक का समय देने का अनुरोध किया है। मध्यस्थता के लिए गठित समिति में जस्टिस कलीफुल्ला के अलावा आध्यात्मिक गुरु और आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रवि शंकर और वरिष्ठ अधिवक्ता श्रीराम पंचू सदस्य बनाए गए हैं।