Ayodhya Ram Mandir: श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने अयोध्या में राम मंदिर को लेकर कई अहम फैसले लिए हैं. ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा ने शुक्रवार को इस संबंध में जानकारी दी और कहा कि अगर किसी पुजारी के परिवार में जन्म या मृत्यु होती है तो अशुद्धता की स्थिति में उसे राम मंदिर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी. उन्होंने जानकारी दी कि जल्द ही राम मंदिर में छह महीने की ट्रेनिंग पूरी करने वाले पुजारियों को अनुष्ठान की जिम्मेदारी दी जाएगी. 


ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि नए पुजारियों को राम मंदिर की धार्मिक समिति द्वारा बनाए गए दिशानिर्देशों का पालन करना होगा. पुजारी राम जन्मभूमि परिसर के भीतर सभी 18 मंदिरों में बारी-बारी से अनुष्ठान करेंगे. राम मंदिर में पुजारियों की तैनाती के लिए हाल ही में एक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया था. जिसमें उच्च योग्यता वाली एक टीम ने 20 पुजारियों को छह महीने ट्रेनिंग दी है. 


पुजारियों के लिए होगा ड्रेस कोड
राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा ने पुजारियों के ड्रेस कोड के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि पुजारियों को कमर से नीचे तक अचल पहनना होगा और ऊपरी शरीर पर एक चौबंदी पहननी होगी. इसके साथ ही सिर पर पगड़ी या साफा पहनना चाहिए. सर्दियों के मौसम में एक ही केसरिया रंग के ऊनी कपड़े भी पहने जा सकते हैं. पूजा के दौरान मोबाइल फोन, खासकर एंड्रॉइड फोन ले जाने पर प्रतिबंध रहेगा. हालांकि जरूरत पड़ने पर पारंपरिक बेसिक फोन का इस्तेमाल किया जा सकता है. 


बता दें कि अयोध्या राम मंदिर में इसी साल 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों प्रभु राम लला की प्राण प्रतिष्ठा की गई थी. ये बेहद ऐतिहासिक कार्यक्रम था, जिसमें अलग-अलग क्षेत्रों से जुड़ी देश की तमाम बड़ी हस्तियां शामिल हुईं थी. इसके बाद से हर दिन अयोध्या में बड़ी संख्या में श्रद्धालु रामलला के दर्शन करने पहुंचते हैं. 


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