अयोध्या। राम की नगरी में राम की लीला को मंच पर सजीव करने की शुरुआत नवरात्रि के पहले दिन शनिवार शाम से शुरू हो चुकी है. अयोध्या की रामलीला की शुरुआत मंच पर ही विधिवत पूजा पाठ के साथ शुरू हुई. इस विशेष पूजा में वन गमन के समय भगवान राम के जहां जहां चरण पड़े थे, वहां की मिट्टी से तैयार राम की मूर्ति की विशेष पूजा की गई. इसके बाद क्रेन की मदद से भगवान गणेश मंच पर प्रकट हुए और इसके बाद भव्य गणेश वंदना के साथ नृत्य और संगीत ने समा सा बांध दिया. 17 अक्टूबर से 25 अक्टूबर तक चलने वाली अयोध्या की रामलीला में अपना अपना किरदार निभाने फिल्म जगत के कलाकार मुंबई से अयोध्या पहुंच चुके हैं. हालांकि कोविड-19 को ध्यान में रखते हुए अयोध्या की रामलीला वर्चुअल है और इसका लाइव प्रसारण अलग-अलग माध्यमों से किया जा रहा है.


बात करें किरदारों की तो हनुमान की भूमिका बिंदु दारा सिंह निभा रहे हैं. उनके पिता दारा सिंह चर्चित रामायण सीरियल में हनुमान जी का किरदार निभा चुके हैं और इसके पहले बिंदु दारा सिंह भी दिल्ली की रामलीला में हनुमान का किरदार निभा चुके हैं. फिल्म जगत के जाने-माने कॉमेडियन एक्टर असरानी नारद का किरदार निभाएंगे. गोरखपुर के सांसद और जाने-माने भोजपुरी एक्टर रवि किशन भरत का किरदार निभाएंगे तो भोजपुरी फिल्मों से राजनीति में आए दिल्ली भाजपा के पूर्व अध्यक्ष मनोज तिवारी अंगद के किरदार में दिखाई देंगे. इसके अलावा रितु शिवपुरी, शाहबाज खान, राजेश पुरी, अवतार गिल, रजा मुराद , महाभारत में द्रोणाचार्य का किरदार निभाने वाले सुरेंद्र पाल, अपनी-अपनी भूमिका में नजर आएंगे. राम की भूमिका सोनू डांगर निभाएंगे तो माता सीता की भूमिका कविता जोशी निभाएंगी. इस दौरान अभिनेता अवतार गिल ने कहा कि वह राजा जनक और सुबाहु का किरदार निभा रहे हैं. उन्होंने कहा कि क्योंकि यह रामलीला पहली बार और अयोध्या में हो रही है, इसलिए इसकी खुशी कुछ ज्यादा है.


अयोध्या में जन्म लिया अब पूरा हुआ सपना
कुछ ऐसा ही कहना है किशन भारद्वाज का. वे स्थानीय नाट्य कलाकार हैं. उन्होंने कहा कि ये उनका सौभाग्य है कि प्रभु राम की नगरी में काम करने का अवसर प्राप्त हुआ है. भारद्वाज ने बताया कि उनका जन्म भी अयोध्या में हुआ है. वह पिछले करीब 20 सालों से अभिनय के क्षेत्र में काम कर रहे हैं. हालांकि, यह पहली बार है कि वे अयोध्या में किरदार निभा रहे हैं. उन्हें रामलीला में शिव का किरदार मिला है. अयोध्या की रामलीला के अध्यक्ष सुभाष मलिक का कहना है कि यह सब भगवान राम के आशीर्वाद से हो रहा है. उन्होंने कहा कि वे इसके लिए मुख्यमंत्री को भी धन्यवाद करते हैं.


नेपाल से आई पोशाक
इस रामलीला की एक और खास बात है. भगवान राम के चरित्र को मंच पर साकार करने के लिए उनकी पोशाक नेपाल से आई है क्योंकि नेपाल को भगवान राम की ससुराल कहा जाता है. जबकि माता-पिता के गहने अयोध्या के तैयार हुए हैं क्योंकि कन्या के लिए वस्त्र और जेवर उसकी ससुराल से आते हैं. इसलिए इनका निर्माण अयोध्या में हुआ है. इसी तरह भगवान राम का धनुष कुरुक्षेत्र से तैयार होकर आया है. यहां तक कि मंच पर भगवान राम की जिस प्रतिमा की विशेष पूजा की गई. वह उन स्थानों की मिट्टी से तैयार की गई है, जिन स्थानों पर भगवान राम के चरण पड़े थे. अयोध्या की रामलीला में पहले दिन दो प्रमुख कलाकार दिखाई दिए. जिसमें नारद की भूमिका में असरानी और रावण की भूमिका में शाहबाज खान ने अपने अपने किरदारों को जीवंत कर दिया. वहीं, अयोध्या की रामलीला की शुरुआत में क्रेन से जिस तरह गणेश भगवान की मंच पर एंट्री हुई और उसके बाद संगीत और नृत्य के साथ गणेश वंदना का ऐसा समा बंध गया कि हर कोई मंत्रमुग्ध हो गया.


कैबिनेट मंत्री ने किया उद्घाटन
अयोध्या की रामलीला का विधिवत उद्घाटन करने सूबे के मंत्री और अयोध्या जनपद के प्रभारी नीलकंठ तिवारी पहुंचे. उन्होंने मंच की विशेष पूजा में भी भाग लिया और मंच पर संबोधन के दौरान अयोध्या की रामलीला की महत्ता भी बतायी. उन्होंने कहा कि रामलीला सांस्कृतिक पक्ष के संरक्षण का सबसे बड़ा साधन है. अयोध्या धाम श्री राम जी की जन्मभूमि करोड़ों करोड़ लोगों की आस्था का केंद्र और विश्व का सबसे बड़ा आध्यात्मिक केंद्र है. ऐसे में आध्यात्मिक केंद्र पर सिनेमा के टीवी के कलाकारों द्वारा यह जो मंचन किया जा रहा है, वह पूरे देश में एक नया संदेश लेकर आएगा.


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