UP News: अयोध्या के भदरसा क्षेत्र में गैंग रेप का शिकार हुई पीड़ित किशोरी की मां से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात के बाद पुलिस और प्रशासनिक तंत्र अचानक हरकत में आ गया. मुकदमा लिखने में देरी और त्वरित कार्रवाई न करने के कारण जहां चौकी इंचार्ज और थानाध्यक्ष को सस्पेंड कर दिया गया है. वहीं दूसरी तरफ मुख्य आरोपी मोईद की प्रापर्टी की जांच शुरू हो गई है.
 
पीड़ित किशोरी को लेकर बीकापुर विधानसभा के विधायक अमित चौहान शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने गए. पीड़िता के साथ शुरुआत से रही समाजसेवी मंजू निषाद भी साथ गई उनकी मानें तो मुख्यमंत्री ने पहले पूरी घटना के बारे में पूछा जिसमें उन्होंने मुकदमा देर से दर्ज करने के बारे में बताया. मुख्यमंत्री ने कहा कि चाहें किसी भी पार्टी का अपराधी हो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी. इसके साथ उन्होंने आर्थिक मदद देने के लिए भी निर्देश दिए. 


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मुख्यमंत्री ने ली पूरे मामले की जानकारी
इसपर समादसेवी मंजू निषाद ने कहा कि माननीय जी ने हमसे कहा कि क्या घटना हुई थी, पूरी घटना बताई गई. उन्होंने कहा कि मुकदमा कब लिखा गया. हमने कहा देर शाम को, सुबह 11 बजे से हम लोग देर शाम तक बैठे थे. हमने कहा चाहे रात हो जाए लेकिन बिना मुकदमा दर्ज कराए नहीं जाएंगे. हमारे विधायक जी थे सारी बातें उन्होंने की. आर्थिक मदद के लिए उन्होंने तुरंत लेटर टाइप कराया. कार्रवाई पर उन्होंने कहा कि कार्रवाई होगी अपराधी चाहे किसी भी पार्टी का हो उससे मतलब नहीं है. 


मुख्यमंत्री से मुलाकात के साथ ही अयोध्या में एक्शन शुरू हो गया. पीड़ित किशोरी की मां से सीएम योगी की मुलाकात के कुछ देर बाद ही पूराकलंदर थानाध्यक्ष रतन शर्मा और भदरसा चौकी इंचार्ज अखिलेश गुप्ता, दोनों सस्पेंड कर दिए गए. आरोप है कि घटना के बाद इन लोगों ने त्वरित कार्रवाई नहीं की गई और मुकदमा दर्ज करने ने घंटों विलंब किया. 


बता दें कि पीड़ित किशोरी की मां ने मुख्यमंत्री से इस बारे में बताया था. वहीं मुख्य आरोपी मोइद की संपत्तियों की भी जांच शुरू हो गई है. राजस्व विभाग ने जमीन की पैमाईश शुरू कर दी है. आरोप है कि तालाब और सरकारी जमीनों पर इन लोगों ने अवैध कब्जा किया है.