Ayodhya News: सरयू नदी के तबाही मचाने में बाद शुरू हुआ राहत कार्य, बोरियां लगाकर रोका जा रहा कटान
अयोध्या में सरयू के तबाही मचाने के बाद अब राहत और बचाव कार्य में तेजी लाई गई है. सड़कों के किनारे मिट्टी से भरी बोरियां लगाईं गई हैं, जिससे कटान से बचा जा सके.
Ayodhya: अयोध्या की सरयू ने अपना रौद्र रूप धारण किया हुआ है. हाल ही में जब सरयू ने तबाही मचाना शुरू किया तो कटान में सड़के बह गई. सरयू अपने खतरे के निशान को पार करके 53 सेंटीमीटर ऊपर बह रही थी तब अयोध्या और गोंडा को जोड़ने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग कटान से प्रभावित हो गया. अब जब सरयू खतरे के निशान से नीचे बह रही हैं तो राहत और बचाव कार्य किया जा रहा है. राहत कार्य के लिए मजदूर और जेसीबी मशीन लगाई गई है.
सरयू से जहां-जहां तबाही हुई है वहां बोरियों में मिट्टी भर-भरकर लगाई जा रही है, जिससे कि अगर दोबारा सरयू की जलधारा बढ़ती है तो आगे कोई समस्या ना हो. दिन रात मजदूर लगाकर इस काम के अंजाम दिया जा रहा है.
मजदूरों के सुपरवाइजर रामू वर्मा ने कहा कि यहां बाढ़ की वजह से ज्यादा कटान लग गई थी. लगभग 2 महीना हो गया इसका काम चलते हुए. 24 घंटे काम चल रहा है. यहां पर बल्ली लगाई गई थी, जोकि बह गई. यहां 2 महीने से 40 से 50 मजदूर काम कर रहे हैं.
डॉक्टर कर रहे निरक्षण
वहीं बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में किसी भी तरह की कोई बीमारी ना फैले इसको लेकर डॉक्टरों की टीम लगाई गई है. जोकि समय-समय पर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जाकर के लोगों की जांच कर रही है. लोगों को निर्देशित किया जा रहा है कि अगर किसी भी प्रकार की कोई भी बीमारी होती है तो वह नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर पहुंच करके अपना इलाज करा सकते हैं.
सीएचसी चिकित्सक डॉक्टर प्रदीप कुमार ने कहा कि हम डेमुआ घाट के आसपास निरीक्षण करने आए हैं कि यहां कोई बीमारी तो नहीं फैल गई है. हम टीम बना कर आते हैं और देखते हैं यहां की क्या स्थिति है. क्योंकि बाढ़ की वजह से डेंगू, मलेरिया और डायरिया फैलने का डर रहता है. इसी वजह से हम लोग रोज टीम बनाकर आते हैं और यहां का निरक्षण करते हैं. यहां से तकरीबन ढाई किलोमीटर की दूरी पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सोहावल पड़ता है. जहां कोई भी अचानक बीमार पड़ने पर अपना इलाज करा सकता है.
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