अयोध्या: अयोध्या में साधु संतों ने उदित राज के बयान पर कड़ी आपत्ति जताई है और उनके बयान को मूर्खतापूर्ण बयान करार दिया है. उन्होंने सरकरी खर्च पर कुंभ की व्यवस्था ना करने के बयान पर कहा कि ऐसा बयान साधु संतों और हिंदू संस्कृति के खिलाफ है और उनका ऐसा बयान दुर्भाग्यपूर्ण है. बाबरी मस्जिद के पक्षकार रहे इकबाल अंसारी ने भी धार्मिक आयोजन और मेले की व्यवस्था पर सरकारी खर्चे को जायज बताया और कहा कि यह सरकार का कर्तव्य है.
हनुमान गढ़ी के महंत राजू दास ने कहा, "सरकारी खर्चे पर मदरसे और धार्मिक शिक्षा बंद होनी चाहिए. सरकारी खर्च से इस तरह की शिक्षा बंद होनी चाहिए जो राष्ट्र का अहित करती हो, जो शिक्षा आतंकवाद पैदा करती हो, आतंकवादी फंडिंग की व्यवस्था होती हो, जो शिक्षा समाज में द्वेष फैलाने का काम करती हो, वह शिक्षा बंद होनी चाहिए. ना कि वह शिक्षा जो सदैव वसुधैव कुटुंबकम सनातन धर्म संघ संस्कृति की रक्षा और भारत की जो सनातन संस्कृति है, उसकी रक्षा की बात करती हो, जहां विद्वेष ना फैलता हो."
उन्होंने कहा कि जो बयान उदित राज का है, वह दुर्भाग्यपूर्ण है. उदित राज के मन में पूरे देश के प्रति, साधु संतों के प्रति, सनातन धर्म संस्कृति के प्रति विकृति है, उसका फल स्वरुप है, उन्होंने कहा कि सरकारी खर्च से कुंभ की व्यवस्था बंद होनी चाहिए. मैं पूछना चाहता हूं उदित राज से की धर्म आधारित देश का बंटवारा तुम्हारे आकाओं ने किया, जिस पार्टी के लिए तुम काम करते हो उस पार्टी के नेतृत्व कर्ता ने धर्म के आधार पर देश का बंटवारा कर दिया. यह देश सनातन संस्कृति का है. हिंदू जनमानस का है और जो देवी देवताओं ने मानव कल्याण के लिए काम किया है उनका देश है."
बाबरी मस्जिद के पक्षकार रहे इकबाल अंसारी ने कहा, "हमारा देश हिंदुस्तान में हिंदू-मुस्लिम-सिख-ईसाई सारे लोगों का पैसा है, जिसे सरकार खर्च करती है. मेला या कोई मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा में जनता का पैसा सरकार खर्च करती है, जनता के हक में ही खर्च होता है. किसी को विरोध करने की जरूरत नहीं है. क्योंकि हिंदू-मुस्लिम-सिख-ईसाई सारे धर्म के लोग हैं, जो भी सरकार उनके लिए सुरक्षा सफाई के लिए खर्च करती है, वह जनता के लिए होता है. जनता का पैसा जनता में अगर खर्च हो रहा है, तो किसी को विरोध करने की जरूरत नहीं है. सरकार जो भी कुछ करती है ठीक करती है. सरकार को ऐसा करना चाहिए क्योंकि जनता के हक में सरकार काम करती है. लोग ऐसी बात ना करें, जिससे जनता का नुकसान हो."
राम कचहरी मंदिर अयोध्या के महंत शशिकांत दास का कहना है कि उदित राज ने जो बयान दिया है, निश्चित ही वह दुर्भाग्यपूर्ण है और उनकी मानसिकता कहीं ना कहीं से विचलित हो चुकी है, क्योंकि इस तरह का बयान देना उनके लिए शोभा नहीं देता. हमारा भारत देश सनातन धर्म को मानने वाला देश है और हमारे भारत देश ने वेद पुराण इत्यादि ग्रंथों के माध्यम से विज्ञान को इतना आगे बढ़ाया है, जो सनातन धर्म की ही कृपा से ही संभव हो सका है. संतों के द्वारा कुंभ मेला लगाया जाता है, उसमें भक्तों का कल्याण होता है, मंगल होता है सुंदर-सुंदर शिक्षा दी जाती है और इस कुंभ से भारत देश की गरिमा बढ़ी है और निश्चित रूप से उदित राज जी का जो बयान है वह दुर्भाग्यपूर्ण है. उनको इस तरह से बयानबाजी नहीं करनी चाहिए."