अयोध्या, एबीपी गंगा। अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण को लेकर राम नगरी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान का स्वागत किया है। शाह ने कहा था कि राम जन्मभूमि निर्माण के लिए बनाए जाने वाले ट्रस्ट में भाजपा का कोई भी पदाधिकारी शामिल नहीं होगा। इस बयान पर अयोध्या के संत और पक्षकारों ने कहा है कि अमित शाह ने यह बयान सोच समझकर दिया है। संतो का कहना है कि गैर राजनीतिक लोग मंदिर निर्माण के लिए बनाए जाने वाले ट्रस्ट से यदि दूर रहते हैं तो बेहतर है और ये दूरगामी दृष्टि से कही गई बात है। अयोध्या के संतों ने कहा कि राम मंदिर का निर्माण हो राजनीति न हो। इसके अलावा संतो ने कहा कि धार्मिक सच्चरित्र और सद्भाव को बढ़ावा देने वाले लोग इस ट्रस्ट में शामिल हो।


अयोध्या मामले में मुद्दई रहे इकबाल अंसारी का कहना है कि भगवान राम के प्रति हमारी श्रद्धा है, हम भी चाहते हैं कि खूबसूरत भव्य मंदिर बने, भगवान के बताए रास्ते पर चलें।  उन्होंने कहा कि मंदिर निर्माण में किसी तरह की राजनीति ना करें कोई फायदा नहीं होगा। यह धर्म का मामला है, राजनीति करने से मंदिर निर्माण का कार्य लटक जाएगा।


वहीं रामलला के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास ने कहा कि अमित शाह का बयान स्वागत योग्य है। राम मंदिर के लिए जो भी ट्रस्ट बने उसमें बुद्धिजीवी और समझदार लोग शामिल हों, क्योंकि ट्रस्ट की बड़ी जिम्मेदारी होगी। कोई भी राजनीतिक दल का व्यक्ति ट्रस्ट में शामिल न किया जाए, सिर्फ वही लोग हों जो भगवान में आस्था रखते हैं। मुख्यमंत्री का कहना है कि ऐसा ट्रस्ट बनेगा जो अपनी जिम्मेदारियों को निभा सके।


आपको बता दें कि अमित शाह ने झारखंड विधानसभा चुनाव में प्रचार के दौरान पाकुड़ में राम मंदिर निर्माण पर बड़ा बयान देते हुए कहा था कि अयोध्या में 4 महीने के अंदर राम मंदिर बनने जा रहा है।


अमित शाह ने इस दौरान कहा कि कुछ समय पहले सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या के लिए फैसला दिया, 100 वर्षों से दुनिया भर के भारतीयों की मांग थी कि वहां राम जन्मभूमि पर भव्य राम मंदिर बनना चाहिए। राम मंदिर की दशकों पुरानी मांग का जिक्र करते हुए शाह ने कहा कि हर कोई राम मंदिर निर्माण चाहता था, लेकिन कांग्रेस और उसके वकील कोर्ट में इसके सामने रोड़ा अटकाते रहते थे।