Controversial Statemant on Ram: मशहूर कन्नड़ लेखक केएस भगवान (KS Bhagwan) ने भगवान राम (Ram) के बारे में दिए गए विवादित पर अयोध्या के साधु संतों ने कड़ा विरोध दर्ज कराया है. रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास (Acharya Satyendra Das) ने कहा कि वाल्मिकि रामायण (Valmiki Ramayana) में ऐसा एक भी शब्द नहीं है जैसा वो भगवान राम के ऊपर आरोप लगा रहे हैं. उनका बयान बेहद निंदनीय है इसकी घोर निंदा करना चाहिए.
दरअसल कन्नड़ लेखक के एस भगवान ने वाल्मिकि रामायण का हवाला देते हुए कहा था कि भगवान राम अपनी पत्नी सीता के साथ दोपहर से ही शराब पीने बैठ जाते थे. उन्होंने अपनी पत्नी को जंगल भेज दिया बिना परवाह किए. कहा कि राम आदर्श नहीं हो सकते.
आचार्य सत्येंद्र दास ने की घोर निंदा
केएस भगवान के इस बयान पर अयोध्या के संत समाज ने कड़ी आपत्ति जताई है. आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा है कि "इसको वास्तव में कोई ज्ञान नहीं है. भगवान राम और माता सीता के चरित्र को जिस रूप से कहा है ये बिल्कुल निंदनीय है. ऐसा बिल्कुल नहीं है. मैंने वाल्मीकि रामायण पढ़ी है. ऐसा एक शब्द भी कहीं नहीं आया जो भगवान राम के ऊपर आरोप लगा रहे हैं. ऐसे व्यक्ति को मैं यही समझता हूं कि भगवान राम जब लंका में राक्षसों को मारा था तब कुछ राक्षस आ कर भारत में पैदा हो गए हैं. इतना खराब आरोप लगाने वाला व्यक्ति कभी भी मनुष्य नहीं हो सकता. वो राक्षस है और राक्षसी प्रवृत्ति होने के कारण से वो वर्तमान समय में भी राक्षस हो गया है. इस बयान की घोर निंदा करना चाहिए"
संत परम हंसदान ने कही ये बात
संत परम हंसदास ने भी केएस भगवान पर हमला बोलते हुए कहा कि कहा कि संस्कृत का उनको ज्ञान है. मैंने पता लगा लिया जिसको व्याकरण का ज्ञान नहीं है, न्याय का ज्ञान नहीं है, जब संस्कृत का ज्ञान नहीं है तब श्लोक का अर्थ कैसे समझेगा. कहीं भी वाल्मीकि रामायण में नहीं लिखा है और हनुमान चालीसा से लेकर के ऋग्वेद तक वह शाश्त्रार्थ कर सकते हैं, वरना वह क्षमा मांगे. इस तरह की बयानबाजी क्षमा भी नहीं करना चाहिए. उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को दुनिया में जीने का कोई अधिकार नहीं हैं. वह देश में गद्दारों की खोज करती हैं तो उनको मोटी फंडिंग करती है फिर यह लोग जहर उगलते हैं. इनके ऊपर जांच होनी चाहिए. कर्नाटक सरकार इनके ऊपर विधिक कार्रवाई करें वरना राम के प्रेमी खड़े हो जाएंगे तो फिर स्थिति आउट ऑफ कंट्रोल हो जाएगी.