Delhi Tractor Rally में हुई हिंसा पर अयोध्या के संतों ने जताई नाराजगी, बोले- आक्रोश और दुख है
हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने किसान आंदोलन के नाम पर लालकिले पर हुए बवाल की निंदा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री से निवेदन है कि जिन लोगों लालकिले पर बवाल किया है उनपर देशद्रोह की धारा में मुकदमा पंजीकृत किया जाए.
अयोध्या: किसान आंदोलन पूरी तरह से बेकाबू हो गया और 26 जनवरी को उपद्रवियों ने लालकिले पर जमकर बवाल काटा. दिल्ली में किसान आंदोलन के नाम पर हुए बवाल को लेकर अयोध्या के संतों ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. संतो ने कहा कि आंदोलनकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए और किसान नेताओं के पर राष्ट्रद्रोह का मामला पंजीकृत किया जाना चाहिए. इतना ही नहीं संतों ने कहा कि किसान आंदोलन के नाम पर सत्ता विरोधी दल और देश विरोधी शक्तियां काम कर रही हैं. मामले की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए. संतो ने कहा कि लालकिले पर तिरंगे का अपमान हुआ है और खालिस्तान का झंडा लगाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए.
पूरे हिंदुस्तान में आक्रोश और दुख है हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने कहा कि किसान आंदोलन के नाम पर लालकिले पर हुए बवाल कि हम निंदा करते हैं. प्रधानमंत्री से निवेदन है कि जिन लोगों लालकिले पर बवाल किया है उनपर देशद्रोह की धारा में मुकदमा पंजीकृत किया जाए. देश की भावना लालकिले से जुड़ी है. हिंसा की घटना को लेकर पूरे हिंदुस्तान में आक्रोश और दुख है.
लालकिले पर तिरंगे का अपमान हुआ आंदोलनकारी नेताओं को घेरते हुए महंत ने कहा कि वो लोग तब कहां गए थे जब लालकिले पर तिरंगे का अपमान हुआ और खालिस्तान का झंडा फहराया गया. पूर्व में भी इस तरीके का बयान सामने आया था कि जो भी खालिस्तान का झंडा लालकिले पर लहराएगा उसे एक करोड़ रुपए का इनाम दिया जाएगा. इस मामले की जांच होनी चाहिए. जिन लोगों ने भारत के लिए संघर्ष किया, कुर्बानियां दीं उन लोगों को मन में किस तरीके की भावनाएं चल रही होंगी. ये अच्छी बात नहीं है.
पूरे विश्व में देश का मजाक उड़ाया गया तपस्वी छावनी के महंत परमहंस दास ने कहा कि दिल्ली में लालकिले पर प्रदर्शनकारियों ने जिस तरीके से हमला किया, नंगी तलवारें भांजी गईं, ट्रैक्टर चढ़ाने का प्रयास किया गया, पुलिसकर्मी घायल हुए जबकि शासन प्रशासन और सरकार लगातार किसानों के लिए प्रयासरत थी. ये प्रशासन और सरकार के सहनशीलता की पराकाष्ठा थी. संत परमहंस दास ने आंदोलनकारी किसानों को नकली किसान की संज्ञा देते हुए कहा कि चीन, पाकिस्तान और आतंकियों के इशारे पर जो खालिस्तानी समर्थक और सत्ता विरोधी पार्टियों की तरफ से ये षड्यंत्र रचा गया था. 26 जनवरी के दिन पूरे विश्व में देश का मजाक उड़ाया गया इस पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.
देश की शान है तिरंगा महंत परमहंस दास ने कहा कि हमारे देश की शान तिरंगा है और उपद्रवियों ने तिरंगे तक का अपमान किया है. पूरा देश इंसाफ चाहता है. किसान मोदी जी के साथ हैं. ये किसानों के हित का कानून है. इससे किसानों की दशा और दिशा दोनों में ही बदलाव होगा. लेकिन, किसान के आड़ में सियासत करने वाले लोग चीन, पाकिस्तान और आतंकियों के जरिए फंडिग लेकर के देश को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं. इसकी जांच होनी चाहिए. उपद्रवियों ने संविधान की धज्जियां उड़ाई हैं, तिरंगा का अपमान किया है इसे लेकर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. उन्होंने किसान नेताओं के पर रासुका लगाने की मांग भी की है.
ये भी पढ़ें: