Taliban Crisis: तालिबान का समर्थन करने वालों पर भड़के अयोध्या के संत,कहा- ऐसे लोगों पर देशद्रोह का मुकदमा हो
Taliban Crisis: तालिबान का समर्थन करने के बयानों पर अयोध्या के संत नाराज हैं. उनका कहना है कि, जो तालिबान का समर्थन करते हैं, उन्हें अफगानिस्तान भेज देना चाहिए.
अयोध्या: एक तरफ पूरी दुनिया अफगानिस्तान में तालिबान की वापसी से वहां की महिलाओं और बच्चों पर होने वाले अत्याचारों को लेकर खौफ में है, तो वहीं भारत में कई ऐसे लोग भी हैं, जो खुलकर तालिबान का समर्थन कर रहे हैं. जिन्होंने तालिबान के समर्थन में बयान दिया है. ऐसे लोगों के नाम उजागर करने वाले मुख्यमंत्री के बयान पर अयोध्या के संतो ने समर्थन दिया है. संत और पूर्व पक्षकार का मानना है कि, ऐसे लोग जो तालिबान में हो रहे अत्याचार का समर्थन कर रहे हैं, उन सभी लोगों को तालिबान भेजना चाहिए. साथ ही राम नगरी के प्रबुद्ध जनों ने अपील उत्तर प्रदेश सरकार से अपील की है कि, ऐसे लोगों के तालिबान भेजने का खर्च सरकार उठाएं.
तालिबान का समर्थन करने वाले आतंकी
तपस्वी जी की छावनी के महंत जगतगुरु परमहंस आचार्य ने कहा कि, भारत में मुस्लिम धर्मगुरु या किसी राजनीतिक दल का नेता किसी भी मजहब किसी भी राजनीतिक दल का व्यक्ति हो, अगर वह तालिबान का समर्थन करता है तो वह आतंकवादी है. परमहंस दास ने मांग की है कि, ऐसे व्यक्ति के ऊपर देशद्रोह का मुकदमा होना चाहिए, रासुका लगनी चाहिए. जगतगुरु परमहंस आचार्य ने केंद्र सरकार से यह मांग की है कि, जो भी ऐसे लोग हैं, जो तालिबान का समर्थन कर रहे हैं, तो उसको फांसी की सजा होनी चाहिए. तालिबानी समर्थक जो देश में हैं, वह आने वाले समय में देश के लिए खतरा हैं, जो लोग तालिबानी आतंकवादियों का समर्थन कर रहे हैं उनको फांसी होनी चाहिए.
ऐसे लोग मुसलमान नहीं हो सकते
वहीं, बाबरी मस्जिद के पक्षकार रहे इकबाल अंसारी ने कहा कि, भारत में जो लोग तालिबान का समर्थन कर रहे हैं, अफगानिस्तान में लोगों को तमाम समस्याएं हो रही हैं. तालिबानियों का कहना है कि वह मुसलमान हैं, मुसलमान का मजहब खून और कत्ल नहीं है. लूटमार नहीं है, ऐसे लोग मुस्लिम नहीं हो सकते. उनको इस्लाम में खारिज किया गया है. जो लोग तालिबान की समर्थन कर रहे हैं, वह इस्लाम के दायरे में आए और इस्लाम को दोबारा से पढ़ें. इस्लाम में इस तरीके के गुनाह करने के लिए मुसलमान को आजादी नहीं है, जो लोग यह काम कर रहे हैं वह इस्लाम के दायरे से हटकर हैं. तालिबान में हो रहा अत्याचार समाप्त होना चाहिए.
पूर्व बाबरी पक्षकार ने तालिबान का समर्थन करने वाले लोगों को तालिबान भेजे जाने की वकालत की है. उनका कहना है कि जो लोग समर्थन करते हैं, उन्हें तालिबान भेजा जाए. जो लोग तालिबान का समर्थन कर रहे हैं, ऐसे लोगों के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मेरी मांग है, कि, उनका किराया और खर्चा वहन कर उन्हें तालिबान भेजने की व्यवस्था उत्तर प्रदेश सरकार करें.
शर्म आती है ऐसे लोगों पर
वहीं, राम मंदिर समर्थक मुस्लिम अनीस खान उर्फ बबलू खान ने कहा कि, हमारे लिए दुख की बात है. हमारे देश के लोग अनाप-शनाप बयान तालिबान के पक्ष में दे रहे हैं. इन सभी लोगों को पहले विचार कर सोचना चाहिए. तालिबान शुद्ध रूप से आतंकी संगठन है. सही रूप से देखा जाए तो ओसामा बिन लादेन की सरकार बन रही है और ऐसे लोग जो उसका समर्थन कर रहे हैं यह लोग भी ओसामा बिन लादेन से मोहब्बत करने वाले लोग हैं. आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले लोग हैं. ऐसे लोगों के बयान से शर्म आती है. भारत में रहकर ऐसा बयान देने वालों का नाम सामने आना चाहिए. मैं देश के प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से कहना चाहता हूं ऐसे लोगों को चिन्हित करें जिससे कि आगे हमारे देश का माहौल खराब न कर सके.
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