Gyanvapi Masjid Survey: ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Masjid) में शिवलिंग (Shivling) मिलने के दावे के बाद हर पक्ष तरह-तरह के दावे कर रहा है. वहीं अयोध्या (Ayodhya) में खबर आने के बाद तपस्वी छावनी में मंगलवार को दीपावली मनाई गई और मिठाइयां बांटी गई. तपस्वी छावनी के पीठाधीश्वर जगदगुरु परमहंस (Jagadguru Paramhans) आचार्य ने घी के दीपक जला कर खुशी मनाई है.
जगतगुरु ने मुस्लिम समाज से अपील करते हुए कहा है, "आपने अयोध्या का फैसला देख लिया, काशी का भी फैसला देख लिया. अब आप को आगे आकर किसी मुगल आक्रांताओं के द्वारा जो हिंदू देवी-देवताओं के मंदिरों को तोड़कर के मस्जिद बनाई गई है. उनको आकर कहना चाहिए कि वह अब हिंदुओं को दे दिया जाए.
क्या बोले परमहंस?
तपस्वी छावनी के पीठाधीश्वर जगदगुरु परमहंस आचार्य ने कहा कि लगभग 350 सालों से संघर्ष करने के बाद आज बहुसंख्यक समाज को बहुत बड़ा न्याय मिला है. कोर्ट के आदेश पर ज्ञानवापी की जो वीडियोग्राफी कराई जा रही थी, उसके माध्यम से दिव्य ज्योतिर्लिंग की प्राप्ति हुई है. जिधर बड़े नंदी का मुख है, जिसको औरंगजेब ने मंदिर तोड़ते समय छिपा दिया था. उसी के मलबे को तोड़कर के उसने ज्ञानवापी मस्जिद बनाया था. आज सच सामने आ गया है.
क्या है मामला?
बता दें कि ज्ञानवापी मस्जिद 14 से 16 मई तक तीन दिन चले सर्वे के बाद अंतिम दिन एक बड़ा दावा किया गया. जिसमें हिंदू पक्ष ने एक शिवलिंग मिलने का दावा किया है. वहीं मुस्लिम पक्ष ने इन दावों को खारिज कर दिया है. जबकि कोर्ट ने भी उस जगह को सील करने का आदेश जारी किया था.
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