Hanuman Garhi Darshan in Summer News: गर्मी में हनुमानगढ़ी दर्शन के लिए आए श्रद्धालुओं की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है. साथ ही खुले आसमान के नीचे हनुमानगढ़ी के सामने भक्तों की लंबी भीड़ ऊपर से प्यास लगे तो लाइन से निकलकर फिर पीछे लाइन में जाकर खड़े होना सचमुच तकलीफदेह काम है.


श्रद्धालु उम्रदराज हैं या उसका स्वास्थ्य खराब है तो फिर उसको चक्कर आना आम बात है. रामनवमी से पहले हनुमानगढ़ी और अयोध्या के संतों ने श्रद्धालुओं की सुविधा का यह मामला उठाया है. संतों ने बैठकर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ भी इस समस्या को साझा कर समाधान की बात की गई जानिए क्या है पूरा मामला और इसका क्या निकला समाधान.


श्रद्धालुओं की सुविधा को लेकर क्या है मांग? 


मौसम का मिजाज तेजी से बदल रहा है. सूर्य की तपिश के साथ गर्मी का तापमान भी बढ़ रहा है. ऐसे में खुले आसमान के नीचे धूप में दर्शन के लिए लंबी लाइन लगाना मुश्किल भरा काम हो जाता है.  श्री राम जन्मभूमि मंदिर तक जाने के लिए जन्मभूमि पथ पर शेड भी है और पीने के लिए साफ पानी की व्यवस्था भी है, लेकिन श्री राम मंदिर के अलावा सबसे अधिक भीड़ हनुमानगढ़ी मंदिर में होती है.


जहां दर्शन के लिए लंबी-लंबी लाइन लगी रहती है. चिलचिलाती गर्मी के बीच खुले आसमान के नीचे श्रद्धालुओं को कई समस्याओं से दो चार होना पड़ रहा है. संतों की माने तो गर्मी बढ़ने के साथ अक्सर लोग मूर्छित हो रहे हैं. इसलिए रामनवमी से पहले दर्शनार्थियों की सुविधा की व्यवस्था की जाए, इन सुविधाओं में हनुमानगढ़ी दर्शनमार्ग पर शेड पानी पीने की व्यवस्था और एंबुलेंस के साथ डाक्टर मौजूद रहने की मांग शामिल है.  


संजय दास ने की मांग? 


संजय दास ( उत्तराधिकारी महंत ज्ञान दास ) ने कहा कि उनके आश्रम पर चार दिन से लगातार श्रद्धालु बेहोश होकर गिर रहे हैं. उनको किसी तरह से सुविधा दी जा रही है. मेरा प्रशासन के लोगों से सिर्फ यही कहना है कि श्रृंगार हार्ट बैरियर से लेकर हनुमानगढ़ी मुख्य गेट तक जहां पब्लिक लगातार खड़ी हो रही है, वहां पर शेड और कारपेट होना चाहिए. इसके अलावा पानी की व्यवस्था होनी चाहिए एंबुलेंस और डॉक्टर यहां तत्काल उपलब्ध कराया जाए, नहीं तो कोई अप्रिय घटना कभी भी घट सकती है. इस पर डीएम से और कमिश्नर से बात हुए है. उन्होंने आश्वासन दिया है. 


हनुमानगढ़ी के दर्शन मार्ग पर खड़े कुछ श्रद्धालु जब लंबी लाइन में लगकर आगे आते हैं और प्यास या किन्हीं कारणों से बाहर निकल आते हैं और जब दोबारा लाइन में लगने जाते हैं तो उनको लाइन में पीछे भेज दिए जाता है. ऐसे में उनके सब्र का बांध टूट जाता है. हालांकि श्री राम मंदिर में दर्शन को लेकर किसी की कोई इस तरह की परेशानी नहीं दिखती. 


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