Ayodhya News: अयोध्या में राम मंदिर आंदोलनकारियों का श्राद्ध कर श्रद्धांजलि, सरयू तट पर जलाए गए 10 हजार दीपक
UP News: श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा पितृ पक्ष में पूर्वजों के लिए श्राद्ध किया जाता है. शंकराचार्य विजेंद्र सरस्वती की देखरेख में कार्यक्रम हुआ.
Pitru Paksha 2023: अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनाने का काम तेजी से चल रहा है. 22 जनवरी 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में रामलला के बाल स्वरूप की प्राण प्रतिष्ठा किया जाएगा. प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम से पहले राम मंदिर के लिए माहौल बनाया जा रहा है. अयोध्या आंदोलन में जान गंवाने वाले आंदोलनकारियों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध कार्यक्रम किया गया. मंत्रोच्चार के बीच संतों की मौजूदगी में दीप प्रज्वलित किए गए. जुलूस की शक्ल में सैकड़ों लोग राम की पैड़ी पहुंचे. कांची कामकोटि पीठ के शंकराचार्य विजेंद्र सरस्वती की देखरेख में तर्पण का कार्यक्रम आयोजित हुआ. शुक्रवार की शाम राम की पैड़ी में 10 हजार दीपों को रोशन किया गया.
राम मंदिर आंदोलनकारियों की याद में जले 10 हजार दीप
संतों ने विधि-विधान से आंदोलनकारियों की आत्माओं की शांति के लिए प्रार्थना की. कांची कामकोटि पीठ के शंकराचार्य विजेंद्र सरस्वती ने बताया कि पितृ पक्ष की आज चतुर्थी है. पितृ पक्ष की चतुर्थी पर आंजोसन में जान गंवालों की आत्मा का तर्पण किया गया. सरयू में दीपदान भी आयोजित हुआ.
शंकराचार्य विजेंद्र सरस्वती की देखरेख में तर्पण कार्यक्रम
ऋग्वेद, यजुर्वेद का पाठ भी किया गया. उन्होंने बताया कि राम मंदिर के निर्माण से कार सेवकों की इच्छा पूरी हो गई है. अब उनकी आत्मा की मुक्ति के लिए पूजन आवश्यक है. इसलिए वाल्मीकि रामायण और रामचरितमानस का नव दिवसीय पाठ कराया.
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा पितृ पक्ष में पूर्वजों के लिए श्राद्ध किया जाता है. पिछले 500 वर्षों हिंदू समाज राम जन्मभूमि के लिए संघर्ष कर रहा था. 500 वर्षों तक चले संघर्ष में अनगिनत लोगों ने जीवन का बलिदान दिया. उनकी इच्छाओं की पूर्ति 500 वर्षों बाद हुई. अयोध्या आंदोलन में प्राणों की आहूति देनेवालों की आत्मा की शांति के लिए सरयू तट पर दीप जलाए गए. यही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है.