Ayodhya News: अयोध्या (Ayodhya) में दुर्घटना में मृत बंदर के लिए अनोखा तेरहवीं संस्कार और शांति भोज का कार्यक्रम चर्चा में बना हुआ है. आयोजन की सबसे खास बात यह रही कि यह तेरहवीं संस्कार किसी इंसान का न होकर एक जानवर का है. इसे आस्था कहे, भक्ति कहें या इंसान का जानवरों के प्रति प्रेम कहे, लेकिन एक बंदर का तेरहवीं संस्कार और शांति भोज चर्चा का विषय बना हुआ है. तेरहवीं संस्कार के साथ-साथ सुंदरकांड का पाठ भी कराया गया. इसी के साथ शांति भोज के लिए जनसैलाब उमड़ गया. 


दरअसल, बीते दिनों बीकापुर क्षेत्र में दुर्घटना में एक बंदर की मौत हो गयी थी, जिसको लेकर विधिवत तेरहवीं संस्कार और शांति भोज का आयोजन किया गया. आयोजनकर्ताओं का कहना है कि हनुमान जी के स्वरूप की दुर्घटना में मौत हो गयी थी जिसका विधि विधान के साथ अंतिम संस्कार किया गया, अब 13 दिन बाद तेरहवीं संस्कार सुंदर कांड और शांति भोज का आयोजन किया गया है. 


13 दिन पहले दुर्घटना में हो गई थी मौत
आयोजनकर्ता विशाल पांडेय का कहना है कि अयोध्या शहर के बीकापुर नगर पंचायत में एक बंदर की दुर्घटना में मौत हो जाने के कारण उसका दाह संस्कार किया गया था. 13 दिन बाद तेरहवीं संस्कार सुंदरकांड का पाठ कराकर भोज का कार्यक्रम किया गया है. स्थानीय व्यक्ति ने बताया कि 13 दिन पहले एक बंदर की मौत हो गई थी, जिसका विधि विधान पूर्वक अंतिम संस्कार किया गया और अब तेरंहवी पर सुंदरकांड और शांति भोज कर प्रसाद बांटा जा रहा है. 


आयोजनकर्ता विशाल पांडेय ने आगे कहा कि बीकापुर के अयोध्या की पावन धरती के नजदीक में बीकापुर तहसील है, जहां 13 दिन पहले बंदर की दुर्घटना में मौत हो गई थी. इसी को लेकर हम लोगों और ग्राम वासियों ने बंदरों के लिए चने की व्यवस्था की और साथ ही शांति भोज की व्यवस्था भी कराई गई. 


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