Ayodhya News: यूपी पुलिस जनवरी 2024 की तैयारियों में अभी से जुट गई है क्योंकि उस समय रामलला के भव्य मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा होनी है. यूपी पुलिस का मानना है कि उस समय और उसके बाद बड़ी संख्या में दर्शनार्थी अयोध्या आएंगे इसलिए यूपी के नए डीजीपी राजकुमार विश्वकर्मा एडीजी प्रशांत कुमार और उच्च स्तरीय अधिकारियों के साथ अयोध्या पहुंचे और श्री राम जन्मभूमि परिसर के साथ क्राउड मैनेजमेंट और दर्शनार्थियों से जुड़ी व्यवस्था और सुरक्षा का बारीक तौर पर निरीक्षण किया.
इसी के साथ उन्होंने बताया कि 4 अलग-अलग फोर्स को मिलाकर स्पेशल फोर्स का गठन किया जा रहा है. अभी तक उसकी 6 बटालियन तैयार हो चुकी है. इनकी तैनाती को लेकर शासन स्तर पर निर्णय लिया जाएगा कि इनकी तैनाती कहां कहां और कब की जानी है.
सुरक्षा को लेकर किए जा रहे ये इंतजाम
यूपी के डीजीपी राजकुमार विश्वकर्मा ने साफ तौर पर कहा कि जेलों में जिन भी अधिकारियों और जवानों की जरूरत होगी, उन्हें तैनात किया जाएगा. कहीं भी अपराधी और किसी भी जगह से अपनी गतिविधियों को अंजाम न दे पाए इसके लिए उनसे जुड़ी हर जानकारी को लगातार ट्रैक किया जा रहा है. यूपी के पुलिस मुखिया की अगुवाई में उच्च स्तरीय अधिकारियों की टीम ने राम जन्मभूमि परिसर और अयोध्या में बारीकी से निरीक्षण किया और क्राउड मैनेजमेंट से लेकर दर्शनार्थियों की व्यवस्था और सुरक्षा पर गहन मंथन किया.
यूपी के डीजीपी राजकुमार विश्वकर्मा ने साफ किया कि अगले 10 सालों में अयोध्या और प्रयागराज के साथ काशी में जितनी भीड़ दर्शनार्थियों की है उससे 50 गुना बढ़ जाएगी जिसके लिए पहले से तैयारी जरूरी है और हर बारीक चीजों पर मंथन किया जा रहा है. राजकुमार विश्वकर्मा ने कहा कि यहां पर हम लोगों ने इंटरनल डिसकस किया है कि काशी, प्रयागराज, अयोध्या तीनों हम लोगों के हिसाब से पवित्र स्थल हैं जिस हिसाब से भीड़ है. 10 सालों में मेरे हिसाब से 50 गुना भीड़ हो जाएगी क्योंकि अभी साउथ इंडियन का क्राउड थोड़ा प्रयागराज और काशी आता है, लेकिन प्रयागराज और अयोध्या में बहुत सारी चीजें चल रही है. कार के लिए कहां पार्किंग देनी है, कहां फैसिलिटेशन सेंटर देना है हर चीज को डिस्कस किया जाएगा.
अयोध्या में दर्शनार्थियों की भीड़ बढ़ेगी तो उसके हिसाब से सुरक्षा व्यवस्था भी चाक-चौबंद करनी होगी. इसके लिए उनका कहना है कि नए और अयोध्या के कई अन्य स्थानों पर वाच टावर बनाए जाएंगे. सरयू में मोटर बोट पर सवार जेल पुलिस की संख्या बढ़ाई जाएगी और एक्सरे मशीन समेत वह सारे उपकरण खरीदे जाएंगे जिनसे प्रत्यक्ष पुलिस की तैनाती के बजाए आधुनिक उपकरणों के जरिए सुरक्षा ढांचे को मजबूत किया जा सके. इसके लिए 77 करोड़ रुपये के आधुनिक उपकरणों को खरीदने की मंजूरी मिल चुकी है.
यूपी डीजीपी राजकुमार विश्वकर्मा ने कहा कि इसके संबंध में डिफरेंस जोन में क्या क्या सिक्योरिटी व्यवस्थाएं करनी है, उसके बारे में बहुत ही विस्तृत रूप से हम लोगों ने चर्चा की है और आने वाले दिनों में जैसा हम लोग का अनुमान है कि अगले साल से अयोध्या में दर्शनार्थियों की संख्या अवश्य बढ़ेगी क्योंकि चार से पांच गुना भीड़ होगी. इसलिए हम लोगों ने लगभग 77 करोड़ के इक्विपमेंट का आर्डर स्वीकृत किया है जिसमें तमाम सारे वॉच टावर हैं.
स्पेशल फोर्स का किया गया गठन
अयोध्या और काशी के साथ महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों की सुरक्षा के लिए एक स्पेशल फोर्स का गठन हो चुका है. इस स्पेशल फोर्स में पैरामिलिट्री के साथ पीएसी और सिविल पुलिस समेत चार फोर्स के जवानों और अधिकारियों को शामिल किया गया है. धार्मिक स्थलों पर संवेदनशीलता के हिसाब से इनकी अलग-अलग तैनाती की जाएगी, लेकिन यह फोर्स तैनात कब और कहां कहां होगी इसके बारे में यूपी के डीजीपी कहते हैं कि यह नीतिगत निर्णय है और सरकार यह तय करेगी.
यूपी के नवनियुक्त डीजीपी राजकुमार विश्वकर्मा ने अपराधियों को लेकर अपने कठोर रुख का जिक्र करते हुए कहा कि माफिया और अपराधी कहीं भी सुरक्षित ना रहे, चाहे जेल हो या फिर जेल के बाहर हो. यूपी से बाहर कहीं से अपनी गतिविधियों को अंजाम न दे पाए इसके लिए उनसे जुड़ी छोटी सी छोटी जानकारी जुटाई जा रही है और उनको लगातार ट्रैक किया जा रहा है.
राजकुमार विश्वकर्मा ने कहा कि हम लोग बेटरमेंट की कोशिश हमेशा करते हैं. कहीं अधिकारियों की आवश्यकता होती है तो हम लोग देते हैं. अगर जेल डिपार्टमेंट को और आवश्यकता होगी तो और देंगे हम लोग कमिटेड हैं कि कोई भी माफिया अपराधी कहीं भी सुरक्षित नहीं रहे, चाहे जेल हो या कहीं और भी हो. वह अपनी गतिविधियों को जेल के अंदर से, जेल के बाहर से या प्रदेश के बाहर से कहीं से भी संचालित नहीं कर सकता, वह हमारे रडार पर रहेगा.
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