Ayodhya News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के अयोध्या (Ayodhya) में श्री राम जन्मभूमि मंदिर (Ram Janmabhoomi temple) निर्माण के लिए पत्थर तराशने का कार्य शुरू हुए तो काफी वक्त हो गया और इसकी तस्वीरें भी आये दिन आपकी आंखों के सामने से गुजरती होंगी लेकिन पहली बार अयोध्या में बनने वाले श्री राम जन्मभूमि मंदिर परिसर में लगने वाली मूर्तियों की तस्वीरें सामने आईं हैं. मंदिर 2024 में जनवरी तक दर्शनार्थियों के लिए खोल दिया जाएगा. ये मूर्तियां श्री राम के जीवनकाल के आरंभ से लेकर उनके राज्याभिषेक तक सबकुछ बताएंगी.


सभी पहलुओं का कराएंगी एहसास
अयोध्या से राम भक्तों के लिए सबसे अच्छी खबर यह है कि गर्भगृह में बनने वाले श्री राम मंदिर के राम कुंज में लगने वाली मूर्तियों के निर्माण का कार्य भी लगभग पूरा हो गया है. लगभग 8 साल पहले इन मूर्तियों के निर्माण का कार्य अयोध्या के श्री राम कारसेवक पुरम में शुरू हुआ था. यह मूर्तियां सीमेंट सरिया और कंक्रीट के मिश्रण से बनाई जा रही हैं. इन मूर्तियों को इस तरह बनाया जा रहा है कि यह श्रीराम के जीवनकाल के आरंभ से लेकर सरयू में गुप्त होने तक के सभी प्रमुख पहलुओं का एहसास कराएं और उसको जीवंत बनायें.


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किन-किन पहलुओं पर बनीं हैं
इसमें महाराज दशरथ के पुत्रेष्ठी यज्ञ से लेकर श्री राम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुध्न के जन्म, शिक्षा, वन गमन, सुपर्णखा संवाद, श्री राम रावण युद्ध समेत सारे पहलुओं को मूर्तिकला के माध्यम से दर्शाया गया है. अभी तक श्री राम जन्म से लेकर राम के राज्याभिषेक तक के दृश्य पर आधारित मूर्तियां तैयार हो चुकी हैं. आलम यह है कि एक किनारे टीन शेड में हो रहे निर्माण की कोई खास चर्चा तक नहीं है.


मूर्ति कलाकार ने क्या बताया
असम के मूर्ति कलाकार नारायण चंद्र मंडल कहते हैं कि, यह मूर्तियां जब महाराज दशरथ के पुत्र नहीं हो रहे थे और जब ब्रह्मा जी ने खीर दी थी जिसे पीने के बाद 4 पुत्र राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न हुए इसके बाद से ही कहानी शुरू होती है. उन्होंने बताया कि, पुत्रेस्ठ यज्ञ से राज्याभिषेक तक की मूर्तियों को बनाने की कोशिश कर रहे हैं.


किसने तैयार कराया बुनियादी ढ़ांचा
हालांकि श्री राम मंदिर परिसर में स्थापित होने के लिए मूर्ति बनाने का कार्य 2014 में ही शुरू कर दिया गया था. शुरुआती दौर में यहां बुनियादी ढांचा तैयार कराने वाले अशोक सिंघल और उनके करीबी त्रिलोकी नाथ पांडे थें. त्रिलोकी नाथ पांडे श्री राम जन्मभूमि मंदिर के रामसखा के तौर पर मुख्य पक्षकार भी थे. अशोक सिंघल के साथ त्रिलोकी नाथ पांडे भी अब इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन उनकी सोच और संरचना दोनों को श्री राम मंदिर ट्रस्ट साकार करने जा रही है. 


चौपाइयों को किया जाएगा अंकित
इन मूर्तियों को स्थापित करने के बाद इसके पीछे इससे संबंधित पेंटिंग की जाएगी और रामचरितमानस में इसके संदर्भ में लिखी चौपाइयों को अंकित किया जाएगा. मूर्तियां लंबे समय तक सुरक्षित रहें इसके लिए इसे ग्लास से कवर किया जाएगा और चारों तरफ सुसज्जित लाइटें लगाई जाएंगी.


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