Ram Mandir: इस जगह से आए श्यामवर्ण पत्थर से बनेगी रामलला की मूर्ति, देश में चर्चित मूर्तिकला विशेषज्ञ करेंगे निर्माण
Shri Ram Janmabhoomi Ayodhya: कर्नाटक से आए शिलाखंड रामलला की मूर्ति बनाने के लिए सबसे उपयुक्त पाए गए हैं. देश के जाने-माने मूर्तिकला विशेषज्ञ अरुण योगीराज रामलला की मूर्ति का निर्माण करेंगे.
Ram Mandir News: कर्नाटक, उड़ीसा और नेपाल से कई शिलाखंड अयोध्या (Ayodhya) पहुंचे हैं. इन्ही शिलाखंडों से श्री राम जन्मभूमि (Shri Ram Janmabhoomi) मंदिर में स्थापित होने वाली मूर्तियां बनाई जानी हैं, इनमें गर्भगृह में स्थापित होने वाली रामलला की मूर्ति भी शामिल है. ट्रस्ट के सूत्रों की मानें तो कर्नाटक से आया शिलाखंड रामलला (Ramlala) की मूर्ति के लिए सबसे उपयुक्त पाया गया है, इसलिए जैसे ही इसकी चर्चा बाहर आई बड़ी संख्या में भक्त अयोध्या आकार उन शिलाखंडों के दर्शन पूजन कर हर्ष जता रहे हैं, मूर्ति का निर्माण कार्य मई माह से शुरू होगा.
श्री राम जन्मभूमि मंदिर में राम लला की जिस मूर्ति की स्थापना होनी है उसकी ऊंचाई 52 इंच होगी, जबकि संरचना 5 वर्षीय बालक की होगी, जिसके बाएं कंधे पर धनुष होगा. बालस्वरूप की यह मूर्ति खड़े हुए रामलला की होगी, जबकि किन शिलाखंडों से इसका निर्माण होगा इसके लिए मूर्तिकला विशेषज्ञ लगातार टेस्टिंग कर रहे हैं. राम मंदिर ट्रस्ट सूत्रों की मानें तो कर्नाटक से आए शिलाखंड रामलला की मूर्ति बनाने के लिए सबसे उपयुक्त पाए गए हैं, जबकि कर्नाटक के ही रहने वाले और देश के जाने-माने मूर्तिकला विशेषज्ञ अरुण योगीराज रामलला की मूर्ति का निर्माण करेंगे. योगीराज केदारनाथ में आदि शंकराचार्य और दिल्ली के कर्तव्य पथ पर 28 फीट ऊंची नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा बनाकर चर्चा में रह चुके हैं.
कर्नाटक ट्रस्टी श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट माधवाचार्य स्वामी प्रसन्न तीर्थ ने बताया, राम की प्रतिमा खड़े होना पोस्टर में होता हैं. शायद 5 फीट का ऊंचाई होता है, वह 5 साल के बच्चा जैसा लगता है. आज मैसूर से अरुण योगिराज नाम का मूर्तिकार आ रहा है, पत्थर को चुन्नती करता है. कृष्ण शिला से प्रतिमा का निर्माण होगा. कर्नाटक में कारकर नामक एक गांव है हेगडन देवन कोटे, शायद उसको चयन किया जाएगा .
तीन जगह से मंगाए गए पत्थर
प्रभारी श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ऑफिस प्रकाश गुप्ता ने बताया, रामलला की मूर्ति बनाने के लिए तीन जगह से पत्थर आए हुए हैं. पत्थर नेपाल, कर्नाटक और राजस्थान के जयपुर से आए हैं. विशेषज्ञों की पिछले दिनों दिल्ली में बैठक हुई है. सबसे अच्छे शिल्पकार, मूर्तिकार और पत्थरों के विशेषज्ञ लोग हैं. वे अभी इस पर जांच कर रहे हैं. जो सबसे उपयुक्त मूर्ति लगेगी उसका काम अगले महीने से प्रारंभ कर दिया जाएगा.
दर्शन करने पहुंचे श्रद्धालु
वहीं जैसे ही कर्नाटक के श्याम वर्ण पत्थरों से रामलला की मूर्ति बनने की खबर बाहर आई वैसे ही बड़ी संख्या में वहां से श्रद्धालु अयोध्या पहुंचकर उन शिला खंडों का दर्शन पूजन करने लगे जो कर्नाटक से आए हैं. कर्नाटक के श्रद्धालु इस खबर से इतने खुश हैं कि कहते हैं इस खुशी को वे व्यक्त नहीं कर पा रहे हैं.
दर्शनार्थी कर्नाटक नारायण आचार्य पांडुरंगी ने कहा, यह सुनने के बाद मुझे इतना आनंद महसूस हो रहा है कि कर्नाटक से हम लोग यहां देखने के लिए आए हैं कि रामलला कैसा बन रहा है. हमने यहां आकर वह पत्थर देखा. हम इतना आनंद महसूस कर रहे हैं कि हमारे गांव से कर्नाटक से जो पत्थर आया है, उससे रामलला बनेगा. इससे ज्यादा खुशी की बात और क्या हो सकती है.