Uttar Pradesh News: यूपी में अयोध्या (Ayodhya) से रामराज दिग्विजय रथ यात्रा (Ramraj Digvijay Rath Yatra) 5 अक्टूबर को मणिराम दास छावनी से निकाली गई थी. यह यात्रा 2 महीने तक लगातार चलती रही और 30 नवंबर को देर शाम अयोध्या पहुंची जहां इस यात्रा का भव्य स्वागत किया गया. यात्रा 15,000 किलोमीटर का सफर तय करने के बाद अयोध्या पहुंची. इतिहास में पहली बार भारत और नेपाल (Nepal) को जोड़ने वाली यात्रा थी. इस यात्रा के माध्यम से लोगों को जोड़ने का भी काम किया गया जिससे 2024 के जनवरी माह में जब भगवान रामलला (Lord Ramlala) अपने दिव्य भव्य मंदिर में विराजमान होंगे उस वक्त अयोध्या में लाखों की संख्या में राम भक्त अयोध्या पहुंचें. इस यात्रा के माध्यम से लोगों को जागरूक किया गया ताकि ज्यादा से ज्यादा राम भक्त अयोध्या पहुंचें. 


यह रामराज दिग्विजय रथ यात्रा 5 अक्टूबर को अयोध्या से निकाली गई और पहले गोरखपुर (Gorakhpur) गई जहां उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने रथ पर विराजमान भगवान राम लला का दर्शन पूजन किया और फिर गोरखपुर से रवाना होकर नेपाल गई. नेपाल में पांच राज्यों में यह यात्रा गई. 9 दिनों तक नेपाल में यात्रा चलती रही और फिर हरिद्वार (Haridwar) से जम्मू कश्मीर मां वैष्णो देवी (Vaishno Devi) का दर्शन पूजन करते हुए कन्याकुमारी और फिर बंगाल और काशी होते हुए अयोध्या पहुंची. यह भारत में 21 राज्यों और नेपाल में पांच राज्यों का भ्रमण करने के बाद गुरुवार देर शाम अयोध्या पहुंची. यहां अयोध्या के संतों ने दिव्य और भव्य स्वागत किया.


क्या था यात्रा निकालने का मकसद
रामराज दिग्विजय रथ यात्रा निकालने का सबसे प्रमुख कारण है कि राम जन्मभूमि में ही राम मंदिर के निर्माण का संकल्प रखते हुए यह यात्रा निकाली गई थी ताकि राम मंदिर का जल्द से जल्द फैसला आये. इसके लिए यह यात्रा 2018 से ही लगातार निकाली जा रही है. यात्रा निकाले जाने के 41 दिन के बाद ही सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर का फैसला दिया और राम जन्मभूमि में ही राम मंदिर का निर्माण हो रहा है. यह संकल्प पूरा हुआ इसलिए यह तीसरी रथयात्रा है. यही वजह है कि इस बार इस यात्रा को रामराज दिग्विजय रथ यात्रा नाम दिया गया है. भगवान राम विजय होकर अयोध्या पहुंचे हैं और 2 तारीख को अयोध्या में भगवान श्री राम के स्वागत में पंचकोश करेंगे और उसके बाद 3 तारीख को संत और भक्त परिक्रमा पंचकोशी करेंगे. तीन तारीख को यात्रा का संकल्प पूरा हो जाएगा.


स्वामी सत्यानंद सरस्वती ने क्या कहा
जगतगुरु स्वामी सत्यानंद सरस्वती ने कहा, यह यात्रा 2 महीने की थी. यात्रा 15000 किलोमीटर की थी. इतिहास में पहली बार भारत और नेपाल को जोड़ने वाली यह यात्रा कर रहे हैं. यह रामराज रथ यात्रा 5 अक्टूबर को अयोध्या से प्रारंभ हुई. अयोध्या में ही यह यात्रा संपन्न हो रही है. यहां से सीधा गोरखपुर गए जहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रथ में आकर पूजन-अर्चन किया और वहां से नेपाल गए. नेपाल में 5 राज्यों में 9 दिन की यात्रा करके हरिद्वार से जम्मू कश्मीर में वैष्णो देवी का दर्शन करते हुए कन्याकुमारी तक गए. वहां से बंगाल होते हुए काशी पहुंचे और काशी से अब अयोध्या पहुंचे हैं. भारत में यह यात्रा 21 राज्यों में की गई और नेपाल के 5 राज्यों में.


जगतगुरु स्वामी सत्यानंद सरस्वती ने कहा, राम जन्मभूमि में ही राम मंदिर निर्माण का संकल्प रखे हुए हमने यात्रा की है. राम जी की कृपा से यात्रा के 41 दिन के अंदर ही सुप्रीम कोर्ट से फैसला आया. राम जन्मभूमि में ही राम मंदिर का निर्माण हो रहा है. यह संकल्प पूरा हो गया इसलिए तीसरी रथ यात्रा अभी रामजी की दिग्विजय यात्रा होनी है. भगवान विजयी होकर अयोध्या पहुंचे हैं. 2 तारीख को अयोध्या में पंचकोशी परिक्रमा है. संत और राम भक्त विजयी होकर आए सियाराम का स्वागत और पूजा करेंगे. इसके बाद 3 तारीख को यात्रा का संकल्प पूरा हो जाएगा. यात्रा के दौरान हमने निरीक्षण किया. हर जगह और हर गांव से राम भक्त यहां आने की कोशिश कर रहे हैं. हम तैयारी कर रहे हैं कि कितने लोगों को सुविधा दे सकते हैं. राज्य और केंद्र सरकार को सुविधा देने के लिए कुछ ना कुछ तो करना ही पड़ेगा.


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