Adipurush Controversy: 'आदिपुरुष' के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकती है Ayodhya के संतों की आवाज ! फिल्म पर तत्काल बैन की मांग
Ayodhya News: कहा जा रहा है, रामायण और रामचरितमानस जैसा तो इस फिल्म में कुछ है ही नहीं. इसमें मर्यादा, संस्कृति और सनातन धर्म का मजाक उड़ाना भर है.
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Uttar Pradesh News: ‘तानाजी द अनसंग वॉरियर’ के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार पाने वाले ओम राउत की फिल्म "आदिपुरुष" टीजर रिलीज (Adipurush Teaser Release) होने के साथ ही विवादों में आ गई है. विवाद की सबसे बड़ी वजह सैफ अली खान के रावण लुक को लेकर है. इसी के साथ हनुमान सेना के चित्रण और जानकी के रूप में कीर्ति सेनन और राघव के रूप में प्रभास के बीच फिल्माए गए दृश्य को अयोध्या (Ayodhya) के संत अमर्यादित बता रहे हैं. संत पूछ रहे हैं कि यह किस धार्मिक ग्रंथ में लिखा गया है जैसा कि फिल्म में दिखाया गया है. साधु संतों की मांग है कि इस फिल्म को प्रधानमंत्री नरेंद्र (Prime Minister Narendra Modi) मोदी तत्काल बैन करें.
क्या कहा अभिनेत्री कीर्ति सेनन ने
फिल्म के टीजर रिलीज के मौके पर अभिनेत्री कीर्ति सेनन (Actress Kirti Sanon) ने कहा था कि, इस फिल्म के किरदारों को आप जानते हैं, पूजते हैं इतिहास से जुड़ा है अब उसी इतिहास और संस्कृति से छेड़छाड़ का आरोप उनकी फिल्म आदिपुरुष पर लग रहा है और इसमें जानकी के रूप के उनका किरदार भी कटघरे में है. इसलिए सबसे पहले हम सुनाते है कि फिल्म देखने को लेकर उन्होंने क्या कहा था. कीर्ति सेनन ने कहा, यह मेरे लिए यादगार रोल है और मुझे हमेशा याद रहेगा. कुछ ऐसा किरदार होता है जिससे आप बहुत जुड़ जाते हैं. उम्मीद करती हूं कि आप लोगों को निराश ना करूं. परिवार के साथ जाकर यह पिक्चर देखनी चाहिए. यह हमारे इतिहास का बहुत अहम हिस्सा है और यह कहानी सबको मालूम होनी चाहिए.
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मुश्किलें खड़ी कर सकती है अयोध्या की आवाज
रामायण के जिस किरदारों को पूजने और जानने की बात बताकर पूरी फिल्म यूनिट लोगों से फिल्म देखने की अपील कर रही थी अब उसी पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं. कहा जा रहा है कि, रामायण और रामचरितमानस जैसा तो इस फिल्म में कुछ है ही नहीं. इसमें मर्यादा, संस्कृति और सनातन धर्म का मजाक उड़ाना भर है. विरोध के बीच अयोध्या से ऐसी आवाज उठना आदि पुरुष के लिए मुश्किलों खड़ी कर सकता है.
मुस्लिम विचारों से प्रेरित-आचार्य सत्येंद्र दास
राम जन्मभूमि के पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा, सनातन धर्म के किसी भी चरित्र के साथ अगर खिलवाड़ किया जाता है तो संत समाज उसका विरोध करता है क्योंकि भगवान राम का चरित्र आदर्श पुरुष का चरित्र है. राम और रामायण के आदर्श को छोड़कर आजतक न तो कोई भी लीला हुई है न ऐसा चरित्र बना है. न जाने कौन से रामायण के आधार पर पिक्चर बना रहे हैं. लगता है किसी मुस्लिम विचारों से प्रेरित होकर इसे बनाया गया है जो सनातन धर्म के बिल्कुल प्रतिकूल है इसलिए इस पर बैन लगनी चाहिए.
तत्काल प्रतिबंध लगाने की मांग की
रामादल ट्रस्ट के कल्कि राम ने कहा, आदिपुरुष फिल्म भगवान राम पर नहीं है. आदि पुरुष राम चंद्र जी, महर्षि बाल्मीकि, गोस्वामी तुलसीदास का खुल्लम-खुल्ला मजाक है. अयोध्या में ही उत्तर प्रदेश सरकार के संरक्षण में रामलीला हो रही है जिसमें सभी फिल्मी कलाकार हैं. सौभाग्य से उस रामलीला में रावण का रोल कर रहे शाहबाज खान मुस्लिम हैं लेकिन उनको देखने से लगता है यह रामायण है. हनुमान जी जो साक्षात शिव के अवतार हैं उनको जोकर बना दिया है. पूरी वानर सेना को जोकर बनाकर रख दिया है. इस फिल्म पर तत्काल प्रतिबंध लगाया जाए.
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