UP News: उत्तर प्रदेश में अयोध्या (Ayodhya), वाराणसी (Varanasi) और मथुरा (Mathura) जैसे हिंदू धार्मिक स्थलों पर आतंकी खतरे की आशंका (Fear of Terrorist Threat) के मद्देनजर सुरक्षा और कड़ी कर दी गई है. उत्तर प्रदेश पुलिस (UP Police) के अधिकारियों ने कहा कि विस्फोटक और अवांछित सामग्री का पता लगाने के लिए एंटी-सबोटेज जांच दलों को इन स्थानों पर तैनात किया जाएगा. एडीजी (सुरक्षा) विनोद कुमार सिंह ने कहा कि अयोध्या में राम जन्मभूमि परिसर (Ram Janmabhoomi Complex) में दो नए जांच दल तैनात किए जाएंगे, जबकि एक-एक वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर (Kashi Vishwanath Temple) और मथुरा के वृंदावन मंदिर में तैनात किए जाएंगे.
धार्मिक स्थलों पर आतंकी खतरे की आशंका
दस टीमों को गुरुवार को गंतव्य स्थलों के लिए हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया. उन्होंने कहा, चार टीमों को धार्मिक स्थलों पर तैनात किया जाना है. छह अन्य लखनऊ, प्रयागराज, गोरखपुर, मुरादाबाद, आगरा और झांसी में राजकीय रेलवे पुलिस डिवीजनों में तैनात रहेंगे. एडीजी ने कहा कि हाल ही में राज्य सुरक्षा मुख्यालय के शस्त्रागार में बम का पता लगाने और निपटान दस्ते (बीडीडीएस) और तोड़फोड़ रोधी जांच टीमों को जोड़ा गया था.
पुलिस का सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त का दावा
अप्रैल में अयोध्या में राम जन्मभूमि परिसर में सुरक्षा जांच के लिए दो बीडीडीएस और दो एंटी-तोड़फोड़ जांच दल तैनात किए गए हैं. एक बीडीडीएस लखनऊ में सचिवालय परिसर, इलाहाबाद उच्च न्यायालय, इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ में तैनात किया गया है. एडीजी ने कहा कि 1987 में पांच बीडीडीएस टीमें थीं, जो 2010 में बढ़कर 26 हो गईं. उन्होंने कहा कि वर्तमान में, उत्तर प्रदेश सुरक्षा मुख्यालय में 61 एएस जांच दल और 31 बीडीडीएस दल हैं. सभी बीडीडीएस दल आवागमन के लिए एसी बसों से सुसज्जित हैं.
गौरतलब है कि आतंकियों के निशाने पर प्रमुख धार्मिक स्थलों के होने की वजह से राज्य में पुलिस अलर्ट हो गई है. बीते कुछ महीनों के दौरान राज्य में लॉ एंड ऑर्डर पर सवाल खड़े होते रहे हैं. इस वजह से पुलिस पहले से अलर्ट है.