Ayodhya Nees: भविष्य की अयोध्या धार्मिक पर्यटन की राजधानी के तौर पर विकसित की जा रही है. ऐसे में अयोध्या को जलभराव से मुक्त कराना सबसे बड़ी चुनौती होगा. इसी को ध्यान में रखते हुए अयोध्या विकास प्राधिकरण अंतरराष्ट्रीय स्तर की कंसलटेंसी कंपनी से मदद ले रही है और इस परियोजना की पूरी परियोजना रिपोर्ट तैयार करा रही है. अयोध्या डेवलपमेंट अथॉरिटी की माने तो कंपनी ने अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट उन्हें सौंप दी है जिसमें लगभग 654 करोड़ रुपए खर्च होने की बात कहीं गई है. इस परियोजना में जर्जर नालों के पुनर्निर्माण के साथ नए नालों के निर्माण की बात भी कही गयी है. इसी के साथ समुन्द्र तल से अयोध्या के विभिन्न स्थानों की ऊंचाई के मापन के लिए ड्रोन से भी सर्वे हो चुका है.
क्या कहते हैं नगर आयुक्त
अयोध्या के नगर आयुक्त विशाल सिंह ने बताया कि पूरे अयोध्या शहर के समग्र विकास की योजना तैयार की गई है जिसके अंतर्गत सभी प्रकार के इंफ्रास्ट्रक्चर चाहे वह रोड हो, नाली हो, गली हो, वाटर सप्लाई का सिस्टम हो इन सभी चीजों को एक साथ एकीकृत विकसित करने की योजना तैयार की गई है. वर्तमान में पीछे जलभराव की काफी समस्या बाहर के क्षेत्रों में आई है उन क्षेत्रों में वैसे तो वर्तमान समय में वैकल्पिक तौर पर हम मोटर पंप के सहारे निकालने का प्रयास किया जा रहा है. नाले भी खोदे जा रहे हैं अस्थाई तौर पर जिससे भविष्य में ऐसी समस्या ना आने पाए आने वाले समय के लिए एक प्रीफिजिबिल्टी रिपोर्ट भी बनवाई गई है.
विशाल सिंह ने बताया कि हमारे कंसलटेंट के माध्यम से जिससे अयोध्या में जो स्टॉर्म वाटर ड्रेनेज है उसका कैसे डिस्पोजल करेंगे ताकि भविष्य में किसी भी स्थान पर जलभराव की समस्या ना आने पाए इस परियोजना का जो लेखा-जोखा है वह तैयार हो चुका है, लगभग 654 करोड़ रुपए की परियोजना बनाई गई है. परंतु उसका परीक्षण बार-बार करना पड़ेगा बल्कि अन्य विभागों द्वारा जो कार्य किए जा रहे हैं इस दिशा में उसको भी शामिल करते हुए सयुंक्त प्लान हम लोग बनाएंगे ताकि आने वाले साल के अंदर जो जलभराव की समस्या आई है वह फिर ना आए.
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