अयोध्या, एबीपी गंगा। लॉकडाउन में मिली कुछ रियायतों के बीच मंदिर निर्माण के लिए अयोध्या के राम जन्मभूमि न्यास कार्यशाला में तराशे गए पत्थरों की सफाई का कार्य धीरे-धीरे ही सही लेकिन शुरू हो गया है. लॉकडाउन के पहले पत्थरों की साफाई कर रहे वह मजदूर जो अपने घर नहीं जा पाए थे, उन्हें इस काम मे लगाया गया है. सबसे पहले राम जन्मभूमि परिसर में बनने वाले राम मंदिर की नींव में लगने वाले पत्थरों की सफाई का कार्य शुरू हुआ है क्योंकि, राम मंदिर निर्माण के समय सबसे पहले इन्हीं पत्थरों की आवश्यकता होगी.


सुप्रीम कोर्ट से राम मंदिर के पक्ष में फैसला आने के बाद जब सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को राम मंदिर निर्माण के लिए अलग ट्रस्ट बनाने का आदेश दिया तो अयोध्या के राम जन्मभूमि निर्माण कार्यशाला में पत्थरों के तराशने से लेकर सारे काम अचानक रुक गए थे. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि कार्यशाला के देखरेख करने वाले व्यवस्थापकों को लगता था कि नए ट्रस्ट में जो लोग शामिल होंगे उनको वह जानते नहीं और अगर विश्व हिंदू परिषद से कोई पदाधिकारी शामिल न हुआ तो कार्यशाला का खर्च कौन उठाएगा.



आखिरकार, जब विश्व हिंदू परिषद से चंपत राय को ट्रस्ट का महासचिव बनाया गया तो उसके बाद कार्यशाला के पत्थरों की साफ-सफाई का कार्य शुरू हुआ था. लेकिन कोरोना वायरस के चलते हुए लॉकडाउन के बाद मंदिर निर्माण से जुड़ी सभी गतिविधियां रुक गईं और अधिकतर मजदूर अपने घर को चले गए. अब जो मजदूर बचे हैं उन्हीं से मंदिर की बुनियाद में प्रयोग होने वाले पत्थरों की साफ सफाई शुरू करा दी गई है.