UP News: अयोध्या जनपद के कल्याण भदरसा गांव में जहां योगी मंदिर बना है, क्या जमीन सरकारी है और मंदिर बनाने के पीछे क्या सरकारी जमीन पर कब्जे की मंशा है. यह सवाल खुद योगी मंदिर बनाने वाले प्रभाकर मौर्य के चाचा रामनाथ मौर्य कह रहे हैं. वे इसी सरकारी जमीन पर पुराने कब्जे के आधार पर अपना भी हिस्सा मांग रहे हैं. अब इसको लेकर बात शिकायत से ऊपर धमकी तक जा पहुंची है. वहीं दूसरी तरफ खुद को योगी भक्त कहने वाले प्रभाकर बार-बार सरकारी जमीन के बारे में पूछने पर यही बात दोहराते हैं कि हमारे गांव में पचासों बीघा जमीन लोगों ने कब्जा कर रखा है, हम अच्छा काम कर रहे हैं तो लोग उंगली उठा रहे हैं.


जिस सरकारी जमीन पर योगी मंदिर बना है, उस भूखंड पर इसके पहले शनि मंदिर और दुर्गा मंदिर भी प्रभाकर मौर्य बनवा चुके हैं. तीनों मंदिर एक दूसरे से लगभग 10 मीटर की दूरी पर ही स्थित हैं. प्रभाकर के चाचा रामनाथ मौर्य का कहना है कि जिस जमीन में योगी मंदिर बना है वह बंजर जमीन है. जो उनके कब्जे में पुश्तैनी चली आ रही है. उस जमीन पर लगे पेड़ों को प्रभाकर ने बेंच दिया और मंदिर बनाकर जमीन कब्जा कर ली. उसने लगातार इसकी शिकायत की, लेकिन प्रभाकर अपने को योगी भक्त कहते हैं. इसलिए कहीं उसकी सुनवाई नहीं होती. अब प्रभाकर योगी भक्त के रूप में शोहरत कमा रहे है तो उनके चाचा सड़क किनारे सब्जी बेंच कर अपनी यह यूं कहे कि सरकारी जमीन में अपनी हिस्सेदारी पाने की जद्दोजहद कर रहे है.


क्या बोले रामनाथ मौर्य?
रामनाथ मौर्य का कहना है कि विवाद यह है कि आजा-बाबा ने बंजर जमीन पर पेड़ लगाया था. जहां योगीनाथ का मंदिर स्थापित किए हैं, उस जमीन में मेरा भी हिस्सा था. उसके पेड़ हमारे भैया ठेकेदार को बेच दिए,  उसके बाद वहां मंदिर बना दिए. अभी दो-चार दिन में योगी की वहां पर प्रतिमा रख दिए और मारने की धमकी देते हैं. कहते हैं चाहे पुलिस से शिकायत करो, चाहे कप्तान से, चाहे डीआईजी के. यहां शिकायत करो कोई कुछ नहीं बिगाड़ पाएगा. कहते हैं चाहे जहां शिकायत कर लो हमारा पुलिस प्रशासन कुछ नहीं बिगाड़ पाएगा. योगी के बल पर कहते हैं, हम उनके भक्त हैं, कहते हैं कि हम योगी भक्त हैं. शिकायत हमने डीएम के यहां की, मुख्यमंत्री के यहां की.


ये भी हैं आरोप
प्रभाकर मौर्य के गांव के लोगों की बात करें तो उन्हें यह पता है कि जिस जमीन पर मंदिर बने हैं, उसमें आधी जमीन प्रभाकर के चाचा रामनाथ मौर्य की है. जिनको उनका हिस्सा न देकर मंदिर बनवाकर पूरी जमीन पर प्रभाकर ने कब्जा कर लिया. मगर बात इतनी सीधी नहीं है, प्रभाकर के चाचा का आरोप है कि जिस जमीन पर योगी मंदिर बना है, वह जमीन बंजर है. जिस पर उनके परिवार का पुश्तैनी कब्जा है. प्रभाकर ने उस जमीन पर लगे पेड़ बेच दिए और मंदिर बनवाकर पूरी जमीन पर कब्जा कर लिया.


DGP मामले पर यूपी सरकार ने UPSC को भेजा करारा जवाब, कहा- सिर्फ सीनियरिटी नहीं है चयन का आधार


क्या होती है बंजर जमीन?
बंजर जमीन उस जमीन को कहते हैं जो खेती लायक न हो. वह सरकारी जमीन होती है जो किसी के नाम नहीं होती है. सरकार ऐसी जमीनों को पट्टे या लीज पर देती है. लेकिन प्रभाकर को न इस जमीन का पट्टा मिला और न ही लीज ही मिली. इसलिए यह माना जा सकता है कि बंजर यानि सरकारी जमीन पर प्रभाकर मौर्य ने पहले शनि देव, फिर दुर्गा और अब योगी मंदिर बना दियाहैं.


भक्त प्रभाकर का जवाब
अब सबसे महत्वपूर्ण हो जाता है कि योगी समेत इतने मंदिर बनाने वाले प्रभाकर मौर्य जमीन को लेकर क्या कहते हैं. जनाब सबकुछ कहते हैं सिवाय उस जमीन के बारे में नहीं बताते. लेकिन बार-बार पूछने पर कि जिस जमीन पर मंदिर बनाया है, वह सरकारी है. यह खतौनी की एक ही बात कहते हैं. हमारे गांव में हमारे गांव में लोगों ने 50 बीघे से अधिक जमीन कब्जा की है. हम अच्छा काम कर रहे हैं तो अब उंगली उठा रहे हैं, जांच हो जाए और सब पर कारवाई हो.


भक्त प्रभाकर मौर्य ने कहा कि दो साल से मंदिर बन रहा था, आज तक कोई शिकायत नहीं हुई. आज एकाएक चार सपाइयों के कहने पर उसकी शिकायत किए हैं. तब सवाल है कि क्या वह जमीन बंजर थी? जिसपर भक्त ने कहा है कि वहां हमारा बहुत पुराना बगीचा था, बगीचा आज भी है जो भी है डीएम साहब ने आश्वासन दिया है उसकी जांच होगी. जो होगा सामने आएगा पट्टीदार का आरोप लगाना आज से नहीं है. इससे पहले भी आरोप लगाते हैं. परिवार का मामला है, इसलिए हम शांत रहते हैं. हमारे गांव में 50 से अधिक अवैध कब्जा है. सब लोग कब्जा किए हैं. 


चाचा पर भी खड़े किए सवाल
जब उनसे पूछा गया कि आपकी खतौनी की जमीन है या यह बंजर जमीन है? तब भक्त ने कहा कि पूरे ग्राम सभा में कह तो रहे हैं, तालाब है, चारागाह है, 50 बीघे से अधिक अवैध कब्जा है. कोई उंगली उठाने वाला नहीं है. आज हम एक अच्छा कार्य कर रहे हैं तो शनि महाराज की हमने वहां स्थापना की, माता की स्थापना की तो आज 50 लोग उंगली उठा रहे हैं. पहले अपने अंदर झांक कर देखें. हमारे चाचा स्वयं हमारे खेत से सटा हुआ जो रास्ता है वह कई साल से कब्जा किए हैं. हमने उसकी शिकायत भी डीएम साहब के यहां की है और थाने पर भी मैंने शिकायत पत्र डाला है. इसकी जांच हो और उनके ऊपर कार्रवाई हो. 


अखिलेश यादव को जवाब
जब भक्त प्रभाकर मौर्य से पूछा गया कि अखिलेश यादव ने भी ट्वीट किया है. तब उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव को भी मैं बताना चाहता हूं कि हमारे ग्राम सभा कल्याण मदरसा में 50 बीघे से अधिक अवैध कब्जा है. सब यादव का कब्जा है, अखिलेश यादव अवैध कब्जे को हटाए. अखिलेश यादव आ करके यहां यादवों को यहां कब्जा कराए हैं. अपनी सरकार में आकर उनका कब्जा हटवाएं, उसके बाद अखिलेश यादव उंगली उठाए हमारे ऊपर.


ये भी पढ़ें-


CM Yogi Adityanath: योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल के छह महीने पूरे, यहां पढ़े क्राइम कंट्रोल से लेकर रोजगार तक 15 बड़ी उपलब्धियां