भगवान राम की नगरी अयोध्या में बीजेपी की रोली सिंह और एसपी की इंदुसेन यादव के बीच कांटे की टक्कर है. सपा की इंदुसेन यादव की बात करे तो वह पूर्व सांसद मित्रसेन यादव की बहू हैं और हरिंग्टनगंज से दूसरी बार जिला पंचायत सदस्य बनीं हैं. वहीं वो ब्लॉक प्रमुख भी रह चुकी हैं. मतलब सपा की इंदुसेन यादव के पास राजनीतिक अनुभव की कोई कमी नहीं है. इसके साथ ही बहुमत के जादुई आंकड़े से वो सिर्फ 4 कदम की दूरी पर हैं,


वहीं बीजेपी प्रत्याशी रोली सिंह की बात करे तो वो पूरा बाजार द्वितीय से जिला पंचायत सदस्य बनीं हैं. प्रदेश नेतृत्व की अनुशंसा पर उन्हें उम्मीदवार बनाया गया है. यहां भाजपा जीत का दंभ भर रही है. लेकिन अयोध्या का गणित क्या कहता है पहले उसी भी समझ लीजिए.


अयोध्या सीट का गणित



  • कुल सदस्य- 40

  • जीत के लिए- 21

  • भाजपा-08

  • सपा- 17
    बसपा- 04

  • निर्दलीय-11


अयोध्या में जिला पंचायत की लड़ाई बीजेपी और सपा दोनों के लिए वर्चस्व की जंग है. लेकिन यहां किसी भी दल के पास बहुमत का आंकड़ा नहीं है. ऐसे में यहां भी हार जीत की चाबी निर्दलीय उम्मीदवारों हाथ में हैं.


बता दें, उत्तर प्रदेश के 22 जिलों में जिला पंचायत अध्यक्ष निर्विरोध निर्वाचित घोषित किए गए जिनमें इटावा जिले को छोड़कर 21 निर्वाचित अध्यक्ष सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के हैं. इटावा में समाजवादी पार्टी को जीत मिली है. राज्य निर्वाचन आयुक्त मनोज कुमार ने मंगलवार को बताया था कि प्रदेश के 22 जिलों- सहारनपुर, बहराइच, इटावा, चित्रकूट, आगरा, गौतम बुद्ध नगर, मेरठ, गाजियाबाद, बुलंदशहर, अमरोहा, मुरादाबाद, ललितपुर, झांसी, बांदा, श्रावस्ती, बलरामपुर, गोंडा, गोरखपुर, मऊ, वाराणसी, पीलीभीत और शाहजहांपुर में जिला पंचायत के अध्यक्ष पद पर निर्विरोध निर्वाचन हुआ है.


ये भी पढ़ें-
अखिलेश यादव से मिले AAP सांसद संजय सिंह, यूपी में सियासी हलचल तेज


ओम प्रकाश राजभर बोले- असदुद्दीन ओवैसी बन सकते हैं यूपी के मुख्यमंत्री, करना होगा ये काम