Ayodhya News: अयोध्या (Ayodhya) में कड़ी सुरक्षा के बीच पंचकोसी परिक्रमा (Panchkosi Parikrama) शुरू हुई. देवउठनी एकादशी पर बुधवार रात से शुरु हो गई है. पंचकोशी परिक्रमा में 20 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं के शामिल होने का अनुमान है. 15 किलोमीटर की इस परिक्रमा में अधिकांश श्रद्धालु नंगे पांव कीर्तन करते हुए पूरा करते हैं. श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो इसको लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए.  


बाहरी वाहनों की नो एंट्री 
परिक्रम क्षेत्र में किसी प्रकार की किसी श्रद्धालुओं को असुविधा न हो इसको लेकर प्रशासन ने बाहर से आने वाले वाहनों के प्रवेश पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया. जिसे परिक्रमा समाप्ति के बाद ही खोला जाना है. इसके अलावा श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए हेल्थ कैंप भी परिक्रमा परिसर में लगाए हैं. निगम की तरफ जगह-जगह विश्राम स्थल बनाए गए हैं. साथ परिक्रमा मार्ग में बालू डलवाया गया है, ताकि श्रद्धालुओं के पैर में कंकर पत्थर न लगे.  


सीसीटीवी से की जा रही निगरानी 
परिक्रमा की तैयारियों को लेकर एसएसपी राजकरन नय्यर ने बताया कि, श्रद्धालुओं कोअसुविधा न हो इसके लिए भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है. पूरी परिक्रमा की सीसीटीवी कैमरे से निगरानी की जा रही है. हाईवे पर रूट डाइवर्जन किया गया है. मेला क्षेत्र को पांच जोन में बांटकर सुरक्षा व्यवस्था का इंतजाम किया गया है. चिह्नित स्थानों पर सुरक्षाकर्मियों की तैनाती के अलावा जोनल व सेक्टर मजिस्ट्रेट एवं उनके साथ एएसपी एवं डिप्टी एसपी स्तर के पुलिस अधिकारियों की तैनाती की गई है. घाटों पर सुरक्षा के लिहाज से जल पुलिस व एसडीआरएफ की टीम भी तैनात की गई है.


क्या है परिक्रमा का धार्मिक महत्व
धार्मिक मान्यता है कि, परिक्रमा मार्ग पर एक पग चलने भर से पूर्व जन्म के तमाम पाप धुल जाते हैं. इसे वांछित संख्या के मुताबिक पूरा करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं. धर्म के जानकारों ने बताया कि, अयोध्या की परिक्रमा का महात्म ज्यादा है. क्योंकि यहां की परिक्रमा का मतलब अयोध्या के पांच हजार से अधिक मंदिरों में विराजमान ठाकुरजी व ऋषियों-मुनियों के स्थलों की परिक्रमा एक ही बार में पूरी कर लेना है.


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