कन्नौज. एक तरफ सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ आयुर्वेद चिकित्सा को बढ़ावा देने के लिए तमाम कोशिशें कर रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ आयुर्वेद अस्पताल की इमारतें अपनी जर्जर हालत पर आंसू बहा रही हैं. कन्नौज के सिकंदरपुर स्थित राजकीय आयुर्वेद चिकित्सालय की हालत इतनी जर्जर है कि भवन कभी भी गिर सकता है. अस्पताल में इलाज करने वाले डॉक्टर व अन्य स्टाफ एक बड़े खतरे के बीच नौकरी करने को मजबूर है.


खतरे में स्टाफ की जिंदगी
अस्पताल में डॉक्टर के साथ-साथ कई और स्टाफ जर्जर अस्पताल में अपना जीवन दांव पर लगाकर लोगों की सेवा कर रहे हैं. स्टाफ ने बताया कि अस्पताल की जर्जरता और किसी बड़े हादसे की जानकारी देकर कई बार शिकायत की गई, लेकिन हालात जस के तस बने हुए हैं. वहीं, आयुर्वेदिक डॉक्टर ने बताया कि मरीजों का इलाज करते वक्त काफी डर बना रहता है. पता नहीं कब ये इमारत गिर जाए.


मुरादनगर जैसी घटना का डर
अस्पताल के अन्य स्टाफ ने बताया कि इमारत की हालत बहुत जर्जर है. किसी भी समय गाजियाबाद के मुरादनगर जैसी घटना हो सकती है. भवन के सुधार के लिए विभाग को कई बार पत्र दे चुके हैं, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई. इलाज कराने के लिए आने वाले मरीजों को भी डर लगता है.


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