अलग है आयुष्मान का अंदाज, बोले- 'सफलता ने मुझे भरोसा दिलाया कि मैं सही राह पर बढ़ रहा हूं'
कहानी सेलेक्ट करने को लेकर अभिनेता आयुष्मान खुराना का अंदाज सबसे अलग है। उनका कहना है कि 2012 में फिल्म 'विकी डोनर' से दर्शकों में जगी उम्मीद पर खरा उतरना उनके लिए एक जिम्मेदारी है।
मुंबई, एजेंसी। अभिनेता आयुष्मान खुराना का कहना है कि सर्वश्रेष्ठ अभिनेता की श्रेणी में राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार के लिए उनका चयन तथा उन्हें मिली सफलता इस बात का आश्वासन है कि ऐसी पटकथाओं को चुनकर वह सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं जिन्हें स्वीकार करने से पहले दूसरे कलाकार दो बार सोचते हैं।
आयुष्मान ने हाल ही में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता की श्रेणी में राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीता है। साल 2018 में आयुष्मान की दो फिल्मों 'अंधाधुन' और 'बधाई हो' को उल्लेखनीय सफलता मिली और इस साल 'आर्टिकल 15' ने धूम मचा दी। अब आयुष्मान 'ड्रीम गर्ल' की रिलीज को लेकर उत्साहित हैं। उनका कहना है कि 2012 में फिल्म 'विकी डोनर' से दर्शकों में जगी उम्मीद पर खरा उतरना उनके लिए एक जिम्मेदारी है।
आयुष्मान ने 'दम लगा के हईशा' और 'शुभ मंगल सावधान' जैसी फिल्में भी की हैं। उन्होंने कहा 'सफलता इस बात का आश्वासन है कि ऐसी पटकथाओं को चुनकर मैं सही दिशा में आगे बढ़ रहा हूं जिन्हें स्वीकार करने से पहले दूसरे कलाकार दो बार सोचते हैं। इससे मुझे अलग अलग विषय चुनने की हिम्मत मिलती है।'
पीटीआई भाषा को दिए साक्षात्कार में आयुष्मान ने कहा कि 'मैंने जोखिम उठाया और यह तो मैं अपनी पहली फिल्म से ही करता आ रहा हूं। अलग तरह की पटकथाएं मैंने चुनीं जो दूसरे कलाकार आसानी से स्वीकार नहीं करते। मेरे विचार से यही मेरे लिए सुरक्षा वाली बात है।'
आयुष्मान मानते हैं कि लोगों की याददाश्त तेज नहीं होती क्योंकि 'हर हफ्ते या पखवाड़े में फिल्म रिलीज होती है और चलती है। लोग भूल जाते हैं। इसलिए गतिशील रहना जरूरी है ताकि लोगों को याद रहे कि हां, आप भी यहां हैं।'