यूपी के बाद अब इस राज्य के चुनाव में उतरेंगे चंद्रशेखर, BJP और कांग्रेस की राह नहीं रहेगी आसान?
Chandra Shekhar In By Elections 2024: यूपी के बाद अब चंद्रशेखर आजाद अब एक और राज्य में चुनावी किस्मत पर दांव लगाएंगे. उम्मीदवारों के नाम पर मंथन जारी है.
Chandra Shekhar News: पश्चिमी यूपी की नगीना लोकसभा से सांसद बनकर लोकसभा में एंट्री करने वाले चंद्रशेखर आजाद अब उत्तराखंड में भी सियासी एंट्री करने जा रहे हैं. मंगलौर विधानसभा उपचुनाव में आजाद समाज पार्टी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद अपना प्रत्याशी उतारकर बीजेपी, कांग्रेस और बसपा से दो दो हाथ करने की तैयारी कर रहें हैं. चंद्रशेखर की उत्तराखंड में एंट्री होने से सियासी तापमान और बढ़ने के आसार नजर आ रहे हैं. सात राज्यों की जिन 13 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की तारीखों का एलान हुआ है उनमें उत्तराखंड की बद्रीनाथ विधानसभा और मंगलौर विधानसभा भी शामिल है. यहां 10 जुलाई को मतदान होगा.
तीन नेताओं के नाम पर मंथन, जल्द होगी घोषणा
मंगलौर विधानसभा उपचुनाव लड़ने के लिए आजाद समाज पार्टी पर 11 से ज्यादा आवेदन आए थे. उनमें से तीन नाम अलग कर लिए हैं और इन्हीं में से किसी एक नाम पर मुहर लगा दी जाएगी. उम्मीद है कि दो दिन के भीतर इस नाम की घोषणा कभी भी संभव है. पार्टी हाईकमान ने मंगलौर विधानसभा उपचुनाव पूरी मजबूती से लड़ने की तैयारी कर ली है और एक बड़ी रणनीति के तहत यहां चुनाव लड़ा जाएगा.
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मंगलौर में बसपा विधायक सरबत करीम अंसारी के निधन के बाद हो रहा है उपचुनाव
हरिद्वार लोकसभा के अंतर्गत आने वाली मंगलौर विधानसभा सीट से बसपा प्रत्याशी सरबत करीम अंसारी के निधन के बाद ये सीट खाली हुई है. 2022 के विधानसभा चुनाव के आंकड़े पर नजर डालें तो यहां 116225 मतदाता थे, बसपा के सरबत करीम अंसारी को 32660 वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस के काजी मोहम्मद निजामुद्दीन को 32062 वोट मिले थे. अंसारी 598 वोट से जीते थे. और भाजपा के दिनेश सिंह पंवार को 18763 वोट हासिल हुई थी. यानि बीजेपी काफी पीछे थे. मंगलौर विधानसभा सीट पर 10 जुलाई को मतदान होगा
कांग्रेस, भाजपा और बसपा की बढ़ी टेंशन
चंद्रशेखर आजाद के उत्तराखंड की मंगलौर विधानसभा का उपचुनाव लड़ने के एलान से कांग्रेस, भाजपा और बसपा को पसीना आना लाजिमी है. बसपा के लिए चुनौती ये है कि उसे फिर इस सीट पर जीत दर्ज करनी है, जबकि कांग्रेस और भाजपा भी यहां जीत दर्ज करने की मंशा लिए है, ऐसे में चंद्रशेखर आजाद का यहां प्रत्याशी उतारने का फैसला तीनों ही दलों की टेंशन बढ़ाने वाला है, क्योंकि चंद्रशेखर आजाद ने जिस तरीके से नगीना लोकसभा चुनाव अपने दम पर जीता उससे आजाद समाज पार्टी का देश में माहौल बदला है. आसपा के नेता और कार्यकर्ताओं का जोश हाई है तो जनता भी अब एक और बेहतर विकल्प की तरफ देख रही है.
नगीना लोकसभा खत्म होते ही तैयारी में जुट गए थे चंद्रशेखर
नगीना लोकसभा सीट पर मतदान होने के बाद से ही आजाद समाज पार्टी ने मंगलौर सीट की कमान संभाल ली थी. तभी से संगठन यहां का जातिगत आंकड़ा, मुद्दे और मतदाताओं का मन टटोलने लगा था. मंगलौर विधानसभा सीट पर चंद्रशेखर आजाद के सिपाहियों ने गली गली जाकर होमवर्क किया और पूरी रिपोर्ट बनाकर चंद्रशेखर आजाद को दी थी. इसी रिपोर्ट को देखकर चंद्रशेखर आजाद ने मंगलौर विधानसभा उपचुनाव लड़ने का फैसला किया.
चंद्रशेखर आजाद के सांसद बनने के बाद बदल रहा माहौल!
चंद्रशेखर आजाद की संसद में एंट्री हो गई. करीब 1 लाख 51 हजार 473 वोट से वो चुनाव जीतकर संसद पहुंचे हैं. अपने दम पर चंद्रशेखर ने नगीना लोकसभा का रण जीता है. चंद्रशेखर आजाद के सांसद बनने के बाद लोगों को भी ये समझ आ रहा है कि आने वाले दिन आजाद समाज पार्टी के लिए सियासी रूप से बेहतर होने जा रहे हैं. चंद्रशेखर के सांसद बनने का ही ये नतीजा है कि पार्टी से टिकट लेने वालों की होड़ सी मची है.
चंद्रशेखर बोले, मंगलौर में हम चुनाव जीतेंगे, उत्तराखंड की हवा बदल रही है.
बीजेपी, सपा और बसपा के बड़े बड़े दिग्गजों को शिकस्त देकर और उनके चक्रव्यूह तोड़कर चंद्रशेखर आजाद ने लोकसभा की रणभूमि में विजय हासिल की हैं. चंद्रशेखर आजाद का कहना है कि पूरी मजबूती से हम मंगलौर विधानसभा उपचुनाव लड़ेंगे और जीतेंगे भी. उत्तराखंड की हवा बदल रही है और हमें लगता है कि वहां जनता से वादे तो बहुत किए गए लेकिन धरातल पर कुछ नहीं हुआ. हम जनता की आवाज बनेंगे और ये आवाज पूरे उत्तराखंड में गूंजेगी. उन्होंने ये भी कहा प्रत्याशी के नाम की घोषणा बस होने वाली है. मंगलौर की जनता चाहती है कि हमारी पार्टी वहां मैदान में उतरे और जनता के इसी प्यार के भरोसे हम वहां विपक्षी पार्टियों को टक्कर भी देंगे और जीतेंगे भी.