Azadi ka Amrit Mahotsav: जानिए आजादी की लड़ाई में अपना विशेष स्थान रखने वाले कादूनाला के बारे में, ये है कहानी
UP News: अमेठी जनपद में प्राचीन स्थल कादूनाला में शहीदों की वीर गाथाएं आज भी पत्थर की लकीरों पर दर्ज है. यहां 9 मार्च 1858 को सर्व समाज के लोगों और अंग्रेजों के बीच लड़ाई हुई थी.
Amethi News: देश आजादी की 75 वीं वर्षगांठ मना रहा है ऐसे में पूरे देश के अलग-अलग स्थानों के साथ अमेठी ने भी आजादी की लड़ाई में अपनी अहम भूमिका निभाई है. अमेठी जनपद में प्राचीन स्थल कादूनाला में शहीदों की वीर गाथाएं आज भी पत्थर की लकीरों पर दर्ज है. 9 मार्च 1858 को यहां पर आजादी की लड़ाई में सर्व समाज के लोगों ने अंग्रेजी हुकूमत से लड़ाई लड़ते हुए अपने प्राण न्योछावर किए थे. इस दिन को आज भी लोग शहीद दिवस के रूप में मनाते हैं.
अंग्रेजों को चार बार से अधिक युद्ध में परास्त किया
रायबरेली जिले के बैसवारा स्टेट के राजा राजा बेनी माधव सिंह के नेतृत्व में यहां पर सर्व समाज के लोगों ने अंग्रेजों को चार बार से अधिक युद्ध में परास्त किया. हलांकि कुछ घुसपैठियों के कारण लोगों को अपने प्राण न्योछावर करने पड़े. यहां के जंगल में एक प्राचीन कुआं भी मौजूद है जहां पर युद्ध के समय शहीदों के कटे सर फेंके गए थे. आज भी भाले सुल्तान और अंग्रेजी हुकूमत के लिए मुसाफिरखाना का कादूनाला जंगल आजादी की तस्वीरें बयां करता है. यहां पर स्मृतियां पत्थर की लकीरों में दर्ज है.
यह क्षेत्र भाले सुल्तानियों का क्षेत्र है
इलाके के रहने वाले जानकर बताते हैं कि यह क्षेत्र भाले सुल्तानियों का क्षेत्र है. कादूनाला के नाम से यहां पर बहुत ऐतिहासिक स्थल है. यहां की ऐतिहासिकता का महत्व है कि यहां पर अंग्रेजों से क्षत्रिय समाज और सर्व समाज के लोगों ने मोर्चा लिया था. 9 मार्च 1858 को यहां पर बहुत ही भयंकर युद्ध हुआ. कई बार यहां अंग्रेज पराजित हुए लेकिन आपसी फूट के कारण उन्हें पूर्णतया सफलता नहीं मिली. युद्ध में करीब 600 लोग यहां शहीद हुए. यहां पर बैसवारा के राजा बेनी माधव के नेतृत्व में अंग्रेजों से मोर्चा लिया गया था यहां पर भाला ही भाले सुल्तानियों के नाम से जाना जाता है. उसी के बल पर यहां अंग्रेजों से भयंकर युद्ध हुआ था. उस समय में सर्व समाज के लोग और राष्ट्र प्रेमियों ने अंग्रेजों से मोर्चा संभाला और अंग्रेजों से लड़ाई लड़ी. इसलिए इसे भाले सुल्तान वीरों का क्षेत्र कहा जाता है और कादू नाला भी अपने महत्त्व को बनाए रखा है.
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