Azadi Ka Amrit Mahotsav: देशभर में आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है. इस खास मौके पर लोग देश की आन, बान और शान के प्रतीक तिरंगे को घर मे लगा रहे है और उन वीर सपूतों को याद कर रहे हैं जिनकी बदौलत हम आजाद हवा में सांस ले रहे हैं. हर कोई अपने-अपने तरीके से देश के प्रति अपने समर्पण भाव को प्रदर्शित कर रहा है तो वहीं विंग कमांडर विक्रांत उनियाल ने विश्व की सबसे ऊंची एवरेस्ट की चोटी पर तिरंगा लहराया और राष्ट्रगीत गाया.
एवरेस्ट की चोटी पर फहराया तिरंगा
आजादी के अमृत महोत्सव पर विंग कमांडर विक्रांत उनियाल का ये वीडियो सोशल मीडिया पर भी जमकर वायरल हो रहा है. इसमें उन्होंने विश्व की सबसे ऊंची चोटी एवरेस्ट पर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा और भारतीय वायुसेना का ध्वज फहराकर राष्ट्रगान गाया. विंग कमांडर विक्रांत उनियाल ने 15 अप्रैल को एक शेरपा और कुछ पोर्टर के साथ हिमालय के बेस कैंप से चढ़ाई शुरू की और 21 मई को एवरेस्ट की चोटी फतह की. वहां पर उन्होंने बिना मास्क के राष्ट्रगान भी गाया और अपने इस मिशन को गुमनाम स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को समर्पित किया.
हर भारतीय का सर गर्व से ऊंचा
विंग कमांडर विक्रांत उनियाल ने आजादी के अमृत महोत्सव पर विश्व की सबसे ऊंची चोटी एवरेस्ट पर पहुंचकर राष्ट्रध्वज, भारतीय वायुसेना का ध्वज फहराकर, राष्ट्रगान गाया और सभी भारतीयों का मान बढ़ाया. भारत के लोगों ने जब बर्फ से पटी चोटी पर राष्ट्रगान और देश की शान तिरंगा को लहराते हुए देखा तो हर किसी का सर गर्व से ऊंचा हो गया.
विंग कमांडर विक्रांत उनियाल से जुड़ी अहम बातें
विंग कमांडर विक्रांत उनियाल जब सातवीं कक्षा में थे, तभी नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनरिंग से उन्होंने पर्वतारोहण का कोर्स किया था. एयरफोर्स में जाने के बाद 2018 में सियाचिन में आर्मी माउंटेनरिंग इंस्टीट्यूट (एएमआई) से प्रशिक्षण लिया. लद्दाख की जंस्कार घाटी में सर्दियों में बेहद दुर्गम चादर ट्रैक किया. इसके बाद ही उनके मन में एवरेस्ट पर चढ़ने की इच्छा और प्रबल हो गई.
दिसंबर 2021 में अरुणाचल में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनरिंग एंड एलाइड स्पोर्ट्स से प्रशिक्षण के बाद तय कर लिया था कि इस बार एवरेस्ट को छूना है. 15 अप्रैल को एक शेरपा और कुछ पोर्टर के साथ हिमालय के बेस कैंप से चढ़ाई शुरू की और 36वें दिन वो एवरेस्ट की चोटी पर थे.
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बिना मास्क के गाया राष्ट्रगान
'आज़ादी का अमृत महोत्सव' में, भारतीय वायु सेना के अधिकारी ने माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई के बाद, बिना ऑक्सीजन मास्क के राष्ट्रगान गाया. उन्होंने अपनी इस कामयाबी को गुमनाम स्वतंत्रता सेनानियों को समर्पित किया. पृथ्वी के उच्चतम बिंदु पर स्वतंत्रता के 75 वें वर्ष को चिह्नित करने के लिए विंग कमांडर विक्रांत उनियाल ने माउंट एवरेस्ट फतह किया. यह देशभक्ति की भावना थी "हर काम देश के नाम" जिसे उन्होंने सबसे असाधारण तरीके से व्यक्त किया. देश के लिए कुछ करने का जज्बा इतना प्रबल था कि इस अभियान का पूरा खर्च भी खुद ही वहन किया.
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